दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी (5G Network Case) के खिलाफ अभिनेत्री जूही चावला (Juhi Chawla) की अपील पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को 25 जनवरी की तारीख तय की और कहा कि मामले पर तत्काल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने जून में 5जी सेवा के खिलाफ जूही चावला की याचिका खारिज कर दी थी. जूही चावला ने एकल न्यायाधीश के फैसले को इस अपील में चुनौती दी है.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि उससे पहले सुनवाई के लिए कई मामले सूचीबद्ध हैं और यह अपील जिस फैसले से संबंधित है, वह छह महीने पहले सुनाया गया था.
पीठ ने कहा, ‘‘यह आदेश जून में दिया गया था. आप अब अपील कर रहे हैं. छह महीने बाद.''
चावला के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह एक ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण'' मामला है और अदालत से सुनवाई की तारीख जल्दी देने का आग्रह किया.
अदालत ने जून में, चावला और दो अन्य लोगों द्वारा 5जी लाने के खिलाफ दायर मुकदमे को 'दोषपूर्ण', 'कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग' बताया था और कहा था कि इसे 'प्रचार हासिल करने' के लिए दायर किया गया था.
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उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष अपनी अपील में, अभिनेत्री और अन्य अपीलकर्ताओं ने तर्क दिया कि एकल न्यायाधीश ने याचिका को खारिज कर दिया और बिना किसी अधिकार क्षेत्र के और तय कानून के विपरीत जुर्माना लगाया. ऐसा दावा किया जाता है कि किसी वाद को पंजीकृत होने की अनुमति मिलने के बाद ही खारिज किया जा सकता है.
अपीलकर्ताओं ने एक बार फिर 5जी प्रौद्योगिकी के हानिकारक प्रभाव के बारे में अपनी चिंताओं को दोहराया और कहा, ‘‘हर दिन जब 5जी परीक्षणों को जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो यह उस क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक विशिष्ट और आसन्न खतरा उत्पन्न करता है.''
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न्यायमूर्ति जेआर मिढ़ा ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जिस वाद में 5जी प्रौद्योगिकी के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल उठाए गए हैं, वह 'सुनवाई योग्य नहीं है' और यह 'अनावश्यक चौंका देने वाले, तुच्छ और परेशान करने वाले बयानों से भरा हुआ है', जो खारिज किए जाने योग्य हैं.
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