संचार साथी पोर्टल के जरिए 52 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन को किया गया बंद: अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संचार साथी पोर्टल के माध्यम से 17000 हैंडसेट को ब्लॉक किया गया है, जो चोरी किए गए थे. साथ ही 66000 व्हाट्सएप अकाउंट को भी ब्लॉक किया है.

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नई दिल्ली: संचार साथी पोर्टल के माध्यम लोगों को अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने में काफी मदद मिली है. संचार साथी पोर्टल के लॉन्च होने के बाद 52 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन को बंद किया गया है. साथ ही 67 डीलर्स को ब्लैकलिस्ट कर 300 से अधिक एफआईआर दर्ज किए गए हैं. यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संचार साथी पोर्टल के माध्यम से 17000 हैंडसेट को ब्लॉक किया गया है, जो चोरी किए गए थे. साथ ही 66000 व्हाट्सएप अकाउंट को भी ब्लॉक किया है. 3 लाख मोबाइल को लोकेट किया गया है. एक साल के अंदर साइबर फ्रॉड में काफी नियंत्रण आएगा. हमें ऐसे संकेत मिल रहे हैं. सभी सिम डीलर्स का पुलिस वेरिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का फैसला किया गया है.

अश्विनी वैष्णव ने कहा, "बड़ी संख्या में लोग एक से ज्यादा यानी बल्क में सिम खरीदते हैं. इनमें से 80 फीसदी तो सही होते हैं. लेकिन 20 फीसदी से कई फ्रॉड होते थे. एक आईकार्ड पर पहले की तरह ही 9 सिमकार्ड मिलता रहेगा.

क्या है संचार साथी पोर्टल? 
बता दें कि संचार साथी पोर्टल के जरिए लोग इस्तेमाल किए गए डिवाइस(मोबाइल फोन) को खरीदने से पहले उसे ब्लॉक, ट्रैक और उसकी सत्यता की जांच कर सकते हैं. साथ ही इस पोर्टल से खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक कर पाएंगे. उसे ब्‍लॉक करा सकेंगे. खास यह है कि अगर खोया या चोरी हुआ फोन पोर्टल की मदद से मिल जाता है, तो उसे अनब्‍लॉक कराकर दोबारा इस्‍तेमाल किया जा सकेगा.

ब्‍लॉक कराना चाहिए फोन का IMEI
संचार साथी पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार, किसी भी व्‍यक्ति का मोबाइल फोन खो जाए या चोरी हो जाए, तो उसे फोन के IMEI को ब्लॉक करा देना चाहिए. इसके लिए www.sancharsathi.gov.in पर दिए गए फॉर्म को भरना होगा. फॉर्म भरने से पहले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं और रिपोर्ट की एक कॉपी अपने पास रखें.

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