जम्मू-कश्मीर में नार्को-आतंकवाद में कथित संलिप्तता के लिए पांच पुलिसकर्मियों और एक शिक्षक को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है. यह कदम क्षेत्र में आतंक के वित्तपोषण और अलगाववादी पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रशासन द्वारा व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है.
बर्खास्त किए गए अधिकांश पुलिसकर्मी सीमावर्ती क्षेत्रों से हैं और सीमा पार मादक द्रव्य सिंडिकेट से जुड़े मादक पदार्थों की तस्करी के संचालन में शामिल हैं. बर्खास्त पुलिसकर्मियों की पहचान फारूक अहमद शेख, खालिद हुसैन शाह, रहमत शाह, इरफान अहमद चालकू और सैफुलदीन के रूप में की गई है. इसके अलावा, स्कूल शिक्षक नाजिम उद्दीन भी मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल पाए गए हैं.
हाल के वर्षों में, जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं की तस्करी के आरोप में कई पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को गिरफ्तार किया गया है. सीमा पार ड्रग सिंडिकेट एक महत्वपूर्ण चुनौती बनकर उभरा है, जो आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण को बढ़ावा दे रहा है.
सीमा पार ड्रग-आतंकवादी नेटवर्क में सुरक्षा बलों की संलिप्तता का पहला बड़ा मामला 2021 में उजागर हुआ था जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में तैनात एक बीएसएफ अधिकारी को गिरफ्तार किया था. अधिकारी पर लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह से जुड़े सीमा पार ड्रग सिंडिकेट को संचालित करने का आरोप लगाया गया था. एनआईए ने जम्मू के सांबा से बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर रोमेश कुमार के पास से 91 लाख रुपये नकद बरामद किए थे. यह नकदी मादक पदार्थों की तस्करी से प्राप्त आय का हिस्सा थी.