बेंगलुरु के एक घर से गुरुवार देर रात को बिस्तर के नीचे 22 बक्सों में भरे 42 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी छिपी हुई मिली है. यह नकदी एक पूर्व महिला पार्षद और उसके पति पर आयकर छापे के बाद बरामद की गई थी. तेलंगाना (Telangana) के वित्त मंत्री हरीश राव ने अब इस बरामदगी को अपने राज्य में चुनावी फंडिंग से जोड़ा है. भारत राष्ट्र समिति (Bharat Rashtra Samithi) के नेता ने शुक्रवार को दावा किया कि यह राशि तेलंगाना टैक्स के नाम पर बिल्डरों, स्वर्ण व्यवसायियों और ठेकेदारों से एकत्र की गई थी और राज्य में कांग्रेस के चुनाव अभियान के वित्तपोषण के लिए पड़ोसी राज्य से भेजे गए 1500 करोड़ रुपये का हिस्सा थी.
हरीश राव ने आरोप लगाया, "वे चुनाव जीतने के लिए तेलंगाना में पैसा लगाने की कोशिश कर रहे हैं. यहां तक की वे टिकट भी बेच रहे हैं, लेकिन वे यहां जीतेंगे नहीं."
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों में वोट खरीदने के लिए तेलंगाना में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजामाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि केसीआर ने कर्नाटक में कांग्रेस के चुनावों को वित्तपोषित किया था और अब चुकाने का वक्त आ गया है और कर्नाटक, तेलंगाना में बीआरएस की मदद के लिए धन भेज रहा है.
तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होना है.
आधी रात को आरटी नगर में अश्वत्थम्मा, उनके पति आर अंबिकापति, उनकी बेटी और अश्वत्थम्मा के बहनोई प्रदीप पर छापे के बाद 500 रुपये के नोटों में नकदी मिली है.
आर अंबिकापति बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैं, जिन्होंने पिछली भाजपा सरकार पर सार्वजनिक परियोजनाओं पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया था.
कथित तौर पर यह पैसा बेंगलुरु से चेन्नई होते हुए हैदराबाद लाया जाना था. कथित तौर पर आयकर अधिकारियों को एक गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद पिछले कुछ दिनों में छापेमारी की गई.
अश्वत्थम्मा जाहिर तौर पर पूर्व कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवासमूर्ति की बड़ी बहन हैं. भाजपा विधायक मुनिरत्ना ने अंबिकापति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिन्होंने उन पर कमीशन मांगने का आरोप लगाया था.
कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन कर्नाटक के अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "उन्होंने पिछले आठ सालों से कोई काम नहीं किया है. मुझे मेरी पत्नी का फोन आया था कि अंबिकापति और उनके रिश्तेदारों के घर छापा मारा गया. ठेकेदार होने के अलावा उनके पास कई अन्य काम भी हैं.''
उन्होंने कहा, "मुझे उस चीज के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जिसके बारे में मैं नहीं जानता. अगर रकम उसके रिश्तेदारों के घर से मिली है तो कानून को अपना काम करने दें."
कर्नाटक स्टेट कांट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सभी सार्वजनिक परियोजनाओं में 40 प्रतिशत कमीशन लिए जाने के बारे में प्रधानमंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
पिछले महीने ही कर्नाटक सरकार ने राज्य में पिछली भाजपा नीत सरकार के दौरान सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए '40 प्रतिशत कमीशन' की मांग के आरोपों की न्यायिक जांच का आदेश दिया था.
जांच पैनल पता लगाएगा कि क्या आकलन मौजूदा दरों की अनुसूची के अनुरूप थे और लागत बढ़ने की स्थिति में अनुमान को संशोधित करने की आवश्यकता थी.
चुनाव प्रचार के दौरान '40 प्रतिशत कमीशन' का आरोप भाजपा सरकार पर निशाना साधने के लिए कांग्रेस के चुनावी मुद्दों में से एक था. इस साल मई में कर्नाटक चुनाव में 244 में से 137 सीटों के साथ कांग्रेस की भारी जीत मिली थी और भाजपा ने दक्षिण में अपना इकलौता गढ़ खो दिया था.
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