301 फीट की तिरंगा कांवड़...जानें कौन लेकर जा रहा और कितने किलोमीटर चलेंगे

कांवड़ यात्रा को बिहार और उत्तर प्रदेश में अलग ही क्रेज नजर आता है. सड़कें भोले भक्तों से भरी रहती हैं और बम भोले...बम भोले के सुंदर स्वर कानों को आनंद प्रदान करते हैं....देखें ऐसी ही एक आनंद देने वाली कांवड़...

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में रविवार शाम 301 फीट की तिरंगा कांवड़ लिए कांवड़ियों का जत्था पहुंचा तो देखने वालों को विश्वास ही नहीं हुआ कि इतनी बड़ी कांवड़ भी बन सकती है. बात जिले भर में फैल गई और इसे देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ गया. आपको बता दे कि इस कांवड़ मेले में अलग-अलग और रंग बिरंगी अद्भूत कांवड़ देखने को मिल रही हैं. इस कांवड़ को शहीदों के नाम पर लाया जा रहा है.

कौन ले जा रहा कांवड़

बागपत जिले के गांव कांटा से रोहित आर्य नाम के एक शख्स अपने 40 जानने वाले लोगों के साथ हरिद्वार के हर की पौड़ी से गंगाजल भरकर शहीदों के नाम 301 फीट की तिरंगा कांवड़ लेकर अपने गंतव्य के लिए निकले हैं. अपनी इस यात्रा में यह जिस जगह से भी गुजरी, लोगों का वहां जमावड़ा लग गया.

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रोज कितना चलते हैं

इस कांवड़ को लेकर आने वाले रोहित आर्य का कहना है कि हम हरिद्वार से जल लेकर गांव कांटा जिला बागपत जाएंगे. यह 301 फीट की कांवड़ है और यह हमारी सातवीं कावड़ है. यह राम मंदिर वाली कांवड़ पहली बार है, जो इसमें जोड़ी है. पहले हम 251 फीट की कांवड़ लाए थे. इस बार बढ़ा दी है. हम इस कांवड़ के जरिए बताना चाहते हैं कि सभी एकजुट रहें. हम अपने वीर शहीदों के लिए यह कावड़ खासकर लाए हैं, हमारी 40 भोलों की टीम है और हम 35 से 40 किलोमीटर रोज चलते हैं. हमारा टोटल कांवड़ रूट 230 किलोमीटर के लगभग है.

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राम मंदिर क्यों बनाया

रोहित आर्य ने बताया कि हम यह तिरंगा झंडा हर साल लाते हैं और यह हमारी सातवीं विशाल कांवड़ है. राम मंदिर का हाल फिलहाल में उद्घाटन हुआ है, इसीलिए हम राम मंदिर का भगवा कलर का तिरंगा लाए हैं. हम 40 के 40 भोले इस कांवड़ को मैनेज करते हैं. कोई दिक्कत नहीं होती. पुलिस प्रशासन ने इतना बढ़िया काम हमारे लिए कर रखा है तो कोई दिक्कत हमें रास्ते में नहीं आई है.

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