घाटी में तीन दिन में 3 आतंकी हमले महज इत्तेफाक नहीं गहरी चाल है, टाइमिंग को समझें

घाटी में तीन दिन में तीन आतंकी हमले (Jammu Terrorist Attack) महज इत्तेफाक तो नहीं हो सकते. 9 जून को रियासी से मंगलवार को डोडा तक हुए हमलों के पीछे की कहानी कुछ और ही बयां कर कर रही है.

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तीन दिन में तीन आतंकी हमलों से दहली घाटी.(सांकेतिक फोटो)
नई दिल्ली:

घाटी में ये क्या हो रहा है, हर तरफ क्यों हाहाकार मचा हुआ है. तीन दिन में तीन आतंकी हमले कोई छोटी बात नहीं है. इन हमलों से घाटी दहल गई है. पहले पहला आतंकी हमला (Jammu Terrorist Attack) रियासी जबकि दूसरा आतंकी हमला कठुआ और अब तीसरा हमला डोडा में हुआ है. डोडा के छत्तरगाल इलाके में देर रात आतंकियों ने हमला कर सेना के बेस को निशाना बनाया. इस हमले में 6 जवान घायल हो गए हैं. लगातार हुए तीन हमलों से सुरक्षा एजेंसियां भी हैरान हैं. वहीं हमले की टाइमिंग गौर करने वाली है. क्यों कि तीन दिन में तीन आतंकी हमले महज इत्तेफाक तो नहीं हो सकते. 9 जून को रियासी में जिस वक्त आतंकी हमला हुआ, तब पीएम नरेंद्र मोदी नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले रहे थे.

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हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आम चुनाव हुए हैं. अब जल्द ही विधानसभा चुनाव की बात चल रही है. कुछ ही हफ्तों में अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने वाली है. ऐसे में इन हमलों के जरिए आतंकी या तो कुछ संकेत देना चाह रहे हैं या फिर ये सब सुरक्षाबलों का ध्यान भटकाने की कोशिश भी हो सकती है.

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  पूरे जम्मू क्षेत्र पर आतंक का साया

कठुआ और राजौरी के बीच कई सौ किलोमीटर की दूरी है. दोनों ही इलाके एक दूसरे से काफी दूर हैं. इसी तरह से डोडा और कठुआ के बीच भी करीब 300 किलोमीटर की दूरी है, जहां पर आतंकी हमला हुआ है. ये कहना गलत नहीं होगा कि पूरा जम्मू क्षेत्र आतंक और आतंकवादियों के साये में है. पिछले तीन सालों से एक के बाद एक आतंकी हमले हो रहे हैं. हालांकि जख्मियों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है. पहले आतंकी कश्मीर घाटी तक ही सीमित थे लेकिन अब लगने लगा है कि पूरा जम्मू इसकी चपेट में आ गया है. 

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आतंकियों को नहीं मिला पानी तो बरसाईं गोलियां

कठुआ और डोडा दोनों जगहों पर एनकाउंटर चल रहे हैं. एनडीटीवी की टीम हमले वाली जगह पर पहुंची तो पता चला कि कठुआ में कल शाम को आतंकी एक गांव में घुस गए थे. पुलिस का कहना है कि उन्होंने लोगों से पानी मांगा तो डर की वजह से लोगों ने अपने दरवाजे बंद कर लिए. जिसके बाद गुस्से से तिलमिलाए आतंकियों ने हवा में गोलियां दागनी शुरू कर दीं. इस घटना में एक शख्स को गोली लग गई और एक आतंकी भी ढेर हो गया, जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. सेना फिलहाल उन सभी इलाकों में घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चला रही है, जहां पर आतंकियों के छिपे होने की आशंका है. 

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पहला आतंकी हमला 

आतंकियों ने रियासी में पहला हमला 9 जून को किया था. शिवखोड़ी धाम में दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं की बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था. इस हमले में 9 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी, वहीं 33 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पुलिस का कहना है कि श्रद्धालुओं से भरी बस शिवकोड़ी मंदिर से कटरा वापस लौट रही थी, उसी दौरान घात लगाए बैठे आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. फायरिंग से घबराए ड्राइवर ने बस से अपना कंट्रोल खो दिया, दिसकी वजह से बस सामने खाई में जा गिरी. पुलिस के मुताबिक, ये घटना 9 जून को पोनी इलाके में शाम करीब सवा छह बजे हुई थी. 

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दूसरा आतंकी हमला

शिवखोड़ी आतंकी हमले के बाद सेना सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने में लगी ही थी कि आतंकियों ने एक दिन बाद ही कठुआ को निशाना बना लिया. आतंकियों ने कठुआ में तहसील हीरानगर के सोहल इलाके में गोलियां बरसाईं थीं. सुरक्षा बलों ने इस आतंकी हमले के बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी थी. वहीं जवाबी कार्रवाई में सेना ने एक आंतकी को ढेर कर दिया था.

तीसरा आतंकी हमला

रियासी और कठुआ के जख्म अभी सूखे भी नहीं थे कि आतंकियों ने मंगलवार देर रात डोडा को निशाना बना लिया. इस बार आतंकियों ने सेना के बेस को अपना निशाना बनाया है. इस हमले में पांच जवान और SPO अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए. सेना आतंकियों को पकड़ने के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है. फिलहाल पूरे इलाके की घेराबंदी की गई है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन के मुताबिक, जिले के चतरगला इलाके में 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की एक संयुक्त चौकी पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की.

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