कोविड-19 महामारी ने न्यायाधीशों और उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्री अधिकारियों सहित हर किसी को प्रभावित किया है और उच्च न्यायालयों के 100 से अधिक न्यायाधीश और 2700 से अधिक अधिकारी वायरस से संक्रमित हुए हैं. यह जानकारी बृहस्पतिवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने दी. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीश और 34 न्यायिक अधिकारियों की वायरस के कारण मौत हुई है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में अभी तक रजिस्ट्री के करीब 800 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और अलग-अलग समय पर छह रजिस्ट्रार और दस अतिरिक्त रजिस्ट्रार संक्रमित हुए हैं.उन्होंने कहा, ‘‘इस महामारी ने हर किसी को प्रभावित किया है. काफी दुख एवं पीड़ा के साथ मैं कुछ तथ्य कहना चाहता हूं. उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री का पहला कर्मचारी 27 अप्रैल 2020 को कोविड-19 से संक्रमित हुआ.''
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न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘अभी तक करीब 800 रजिस्ट्री कर्मचारी संक्रमित हुए हैं. हमारे छह रजिस्ट्रार और दस अतिरिक्त रजिस्ट्रार अलग-अलग समय पर संक्रमित हुए हैं. दुर्भाग्य से कोविड के कारण हमने अपने तीन अधिकारियों को खो दिया.''उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भारतीय न्यायपालिका की बात है तो उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2768 न्यायिक अधिकारी और उच्च न्यायालय के 106 न्यायाधीश संक्रमित हुए हैं. हमें अभी तक दो बड़े उच्च न्यायालयों से आंकड़े प्राप्त नहीं हुए हैं. महामारी से 34 न्यायिक अधिकारियों और उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की मौत हो चुकी है.''
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प्रधान न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय की डिजिटल सुनवाई की ऐप के माध्यम से मीडियाकर्मियों तक पहुंच की शुरुआत करने के अवसर पर बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ ने भी हिस्सा लिया. न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ शीर्ष अदालत में कोविड महामारी से संबंधित मामलों का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करने वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं. वह भी कोरोना से संक्रमित हो गये हैं. कार्यमें में जब उनसे उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तमाम सावधानी के बावजूद वह भी कोरोना से संक्रमित हो गये.