देश के 22वें चीफ जस्टिस रहे न्यायाधीश कमल नारायण सिंह का निधन 

जस्टिस कमल नारायण सिंह 10 मार्च 1986 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने और पांच साल बाद 18 दिन चीफ जस्टिस रहकर सेवा निवृत्त हो गए.

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नई दिल्ली:

देश के 22वें चीफ जस्टिस के रूप में 18 दिनों तक सुप्रीम कोर्ट का नेतृत्व कर चुके जस्टिस कमल नारायण सिंह का निधन हो गया. जस्टिस के एन सिंह ने 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी संभाली थी. जस्टिस केएन सिंह ने 96 साल की अवस्था में इलाहाबाद के मिंटो रोड स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली.

अगले दिन शुक्रवार को संगम नगरी प्रयागराज के शंकर घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. जस्टिस केएन सिंह के पुत्र जस्टिस डीपी सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं. जस्टिस केएन सिंह के पुरखे प्रयागराज के ही थे. उनका जन्म 13 दिसंबर 1926 को प्रयागराज में हुआ था. कानून स्नातक तक शिक्षा उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ली.

4 सितंबर 1957 से इलाहाबाद की दीवानी अदालत में वकालत शुरू करने के बाद जल्द ही वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे.  सरकारी वकील के तौर पर उन्होंने कई सालों तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी सरकार की पैरवी की.

वह 3 मार्च 1970 से 3 मई 1970 तक सिर्फ दो महीने तक यूपी के एडवोकेट जनरल रहे. फिर इसी पद पर रहते हुए उनको 1970 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त कर दिया गया. करीब दो साल बाद 25 अगस्त 1972 को वो इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थाई न्यायाधीश बन गए. 10 मार्च 1986 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने और पांच साल बाद 18 दिन चीफ जस्टिस रहकर सेवा निवृत्त हो गए.
 

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