2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मारे गए आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक आरोपी को हत्या के 2 साल बाद गिरफ्तार किया है. इंस्पेक्टर सुरेंद्र शर्मा, प्रवीण दुग्गल, राकेश राणा और एसीपी ललित मोहन नेगी की टीम ने आरोपी को तेलंगाना से पकड़ा है. स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए और इन दंगों में कई लोग मारे गए और घायल हुए. दंगों के दौरान 25 फरवरी को 2020 को चांद बाग पुलिया के पास दिल्ली में दंगाई भीड़ द्वारा एक इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
उन्होंने बताया कि मृतक के शव को आरोपी व्यक्तियों ने पास के चांद बाग नाले में फेंक दिया था, जिसे अगले दिन बरामद किया गया था. इसे लेकर दयालपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान आम आदमी पार्टी के तत्कालीन पार्षद ताहिर हुसैन समेत दस आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार धारदार हथियार से 52 बार वार किया गया.
इस मामले की जांच से और आरोपियों से पूछताछ में मुंतजिम उर्फ मूसा कुरैशी भी उस दंगा भड़काने वाली भीड़ का हिस्सा पाया गया. चूंकि आरोपी मुंताजिम उर्फ मूसा कुरैशी अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था और फरवरी 2020 से फरार था, इसलिए उसे कोर्ट ने 5 जनवरी 2021 को भगोड़ा घोषित किया गया था. दिल्ली पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी की सूचना पर पचास हजार के इनाम की घोषणा भी की गई थी.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी इन दंगों के पीछे की बड़ी साजिश के पहलू पर जांच कर रही है. स्पेशल सेल की टीम को पता चला कि पिछले छह महीनों से आरोपी तेलंगाना में रह रहा है. इसलिए, आरोपी का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए स्पेशल सेल की एक टीम तेलंगाना भेजी गई. जांच में सामने आया कि आरोपी गायत्री नगर, मीरपेट, तेलंगाना में स्थित एक केमिस्ट की दुकान पर जाता था. इसलिए आरोपी को पकड़ने के लिए कुछ दिनों तक वहां लगातार नजर रखी गई. 10 अक्टूबर को शाम लगभग 5:15 बजे वांछित आरोपी मुंतजिम उर्फ मूसा कुरैशी को केमिस्ट की दुकान में जाते देखा गया. पुलिस टीम ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया.
34 साल के आरोपी मुंताजिम उर्फ मूसा कुरैशी ने 8वीं तक पढ़ाई की है. उसने पढ़ाई छोड़ दी और सिलाई का काम सीखने लगा. हालांकि, कुछ साल तक सिलाई का काम करने के बाद अपहरण और बलात्कार के एक मामले में वह जेल चला गया. जेल में आरोपी की मुलाकात यूपी के बरेली के कुख्यात अपराधी मुजीब से हुई. जेल से बाहर आने के बाद आरोपी अपने मामा के साथ गाजीपुर मुर्गा मंडी में काम करने लगा. लेकिन अपने खर्चे को पूरा करने के लिए आरोपी ने अपराध करना शुरू कर दिया.
साल 2018 में आरोपी अपनी पत्नी के साथ मुंबई गया और वहां बकरियों की खरीद-फरोख्त करने लगा. जब वह फिर से दिल्ली आया तो वह अपने दो दोस्तों सलामन और समीर से मिला. 24 फरवरी 2020 को दोनों आरोपी मुंतजिम के चांद बाग स्थित घर आए. शाम को उन सभी ने नॉर्थ ईस्ट में चल रहे दंगों में भाग लेने की योजना बनाई. अगले दिन 25 फरवरी 2020 को तीनों आरोपी फिरदौस मस्जिद, मुस्तफाबाद के पास इकट्ठे हुए और उत्तर पूर्वी दिल्ली के चांद बाग इलाके में चल रहे दंगों में भी शामिल हो गए. आरोपी मुंताजिम उर्फ मूसा कुरैशी अपने सहयोगियों के साथ चांद बाग के पास अंकित शर्मा की चांद बाग पुलिया के पास बेरहमी से हत्या कर दी. उसके दोनों दोस्त पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
पुलिस के मुताबिक आरोपी अंकित की हत्या का मुख्य साजिशकर्ताओं में एक है. इसका आरोपियों से बात करते हुए ऑडियो भी है जो चार्जशीट में कोर्ट को दिया गया है.