रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) और हैदराबाद स्थित विरचो बायोटेक (Vircho Biotech)ने सोमवार को एक करार पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत भारत में रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik V) की 20 करोड़ खुराक का उत्पादन किया जाएगा. स्पूतनिक वी दुनिया में सबसे पहले सामने आई कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) थी. भारत में दो तरह के कोरोना टीकों का निर्माण पहले ही हो रहा है.
आरडीआईएफ और विरचो बायोटेक ने एक बयान में कहा कि 2021 की दूसरी तिमाही में तकनीक हस्तांतरण का काम पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद स्पूतनिक वी का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा.विरचो बायोटेक की विनिर्माण क्षमता की मदद से आरडीआईएफ के वैश्विक साझेदारों को स्पूतनिक वी की आपूर्ति में मदद मिलेगी.
आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रिव ने कहा कि विरचो बायोटेक के साथ समझौते से भारत में वैक्सीन के बड़े पैमाने पर विनिर्माण में आसानी होगी और हमारे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है
स्पूतनिक वी 91.6 प्रतिशत तक असरकारक है और लैंसेट में प्रकाशित आंकड़ों में इसकी पुष्टि की गई है.
भारत में पहले ही दो वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxian) तैयार हो रही हैं. कोवैक्सीन का उत्पादन स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक कर रही है, जबकि कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है.कोविशील्ड का विकास ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश स्वीडिश फर्म एस्ट्राजेनेका ने मिलकर किया है.