मौनी अमावस्या पर 2.18 करोड़ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई, श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से हुई पुष्पवर्षा

पुलिस उप महानिरीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं और पूरे मेला क्षेत्र में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और कई एआई आधारित कैमरे क्रियाशील हैं और इन कैमरों से फीड इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर पर लिया जा रहा है.

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प्रयागराज:

संगम नगरी में माघ मेले के तृतीय स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को लगभग दो करोड़ 18 लाख लोगों ने गंगा और पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस बीच, प्रशासन के हेलीकाप्टर से स्नानार्थियों पर पुष्प वर्षा भी की गई. माघ मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को करीब दो करोड़ 18 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया. मेला प्रशासन की ओर से हेलीकाप्टर से स्नानार्थियों पर पुष्प वर्षा की गई जिससे आनंद का वातावरण देखने को मिला.

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार रात्रि 12 बजे से ही जनसैलाब घाटों की तरफ उमड़ा हुआ है और गांव देहात और दूसरे जिलों से स्नानार्थी सिर पर गठरी रखकर मेला क्षेत्र में आ रहे हैं. सुबह से ही धूप खिली रहने की वजह से लोगों का माघ मेला क्षेत्र में आना जारी है. भारी भीड़ को देखते हुए घाटों की लंबाई 6800 फुट से बढ़ाकर 8000 फुट कर दी गई है और कुल 12 घाट बनाए गए हैं एवं सभी घाटों पर पर्याप्त संख्या में वस्त्र बदलने की सुविधा स्थापित की गई है.

पुलिस उप महानिरीक्षक (माघ मेला) राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं और पूरे मेला क्षेत्र में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और कई एआई आधारित कैमरे क्रियाशील हैं और इन कैमरों से फीड इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर पर लिया जा रहा है.

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उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में कोई भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति नजर आने पर त्वरित कार्रवाई की जाती है. साथ ही एटीएस, आरएएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें, महिला पुलिसकर्मी, घुड़सवार पुलिस, बम निरोधक दस्ते सभी मेला क्षेत्र में क्रियाशील हैं.

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मौनी अमावस्या पर पुण्य अर्जित करने के लिए माघ मेला क्षेत्र और नगर में विभिन्न स्थानों पर स्थानीय लोगों ने पूड़ी सब्जी, हलवा पूड़ी आदि का वितरण किया. वहीं, माघ मेला क्षेत्र में लगे साधू संतों के शिविर में व्यापक स्तर पर भंडारे का आयोजन किया गया. मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद ने बताया कि मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सार्वजनिक शौचालयों की संख्या 1800 से बढ़ाकर 6000 कर दी गई है और 12,000 संस्थागत शौचालय स्थापित किए गए हैं.

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एनडीआरएफ के निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ के जवान विभिन्न घाटों पर तैनात किए गए हैं. साथ ही एनडीआरएफ की महिला बचाव कर्मियों की भी तैनाती की गई है.

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गुजरात के वलसाड़ से माघ मेला में हर वर्ष शिविर लगाने वाले समर्थ गुरू रामदास महाराज ने मौनी अमावस्या की महिमा का बखान करते हुए कहा कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर गंगा नदी में स्नान करने और दान करने से कई गुणा पुण्य की प्राप्ति होती है.

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