- भारत सरकार ने वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर साल भर राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव मनाने का निर्णय लिया है.
- PM नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वंदे मातरम स्मरणोत्सव का उद्घाटन करेंगे और डाक टिकट तथा सिक्का जारी करेंगे.
- वंदे मातरम की रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को की थी और यह स्वतंत्रता आंदोलन का प्रेरक गीत था.
राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' की रचना के 150 साल पूरे हो रहे हैं. इस उपलक्ष्य पर भारत सरकार ने साल भर राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव मनाने का फैसले किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रगीत वंदे मातरम के वर्ष भर चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन करेंगे. साथ ही एक डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे. इस मौके पर पीएम मोदी ने का कि देश की कई पीढ़ियों को वंदे मातरत ने राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर ट्वीट कर कहा, "7 नवंबर का दिन देशवासियों के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है. हम वंदेमातरम् गान के गौरवशाली 150 वर्षों का उत्सव मनाने जा रहे हैं. यह वो प्रेरक आह्वान है, जिसने देश की कई पीढ़ियों को राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया है. इस विशेष अवसर पर सुबह करीब 9:30 बजे दिल्ली में एक समारोह में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा. यहां एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया जाएगा. वंदेमातरम् का सामूहिक गायन इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा".
राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव का होगा औपचारिक शुभारंभ
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 नवंबर 2025 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के वर्ष भर चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे. यह कार्यक्रम 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक राष्ट्रगीत वंदे मातरम रचित किए जाने के वर्ष भर चलने वाले राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव का औपचारिक शुभारंभ है, जो इस कालातीत रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होगा".
इस मौके पर मुख्य कार्यक्रम के साथ समाज के सभी वर्गों के लोगों की भागीदारी के साथ सार्वजनिक स्थानों पर सुबह करीब 9 बजकर 50 मिनट पर वंदे मातरम के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन भी आयोजित होगा.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भी राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में स्थित पंडित दीनदयाल अंत्योदय भवन के मंथन हॉल में उद्घाटन समारोह का आयोजन करेगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन इस कार्यक्रम में भाग लेंगे.
बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था वंदे मातरम
बंकिमचंद्र चटर्जी ने वंदे मातरम अक्षय नवमी के अवसर पर 7 नवंबर 1875 को लिखा था. ये पहली बार साहित्यिक पत्रिका 'बंगदर्शन' में उनके उपन्यास 'आनंदमठ' के एक अंश के तौर पर प्रकाशित हुआ था.
इस राष्ट्रीय गीत ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया. 1950 में संविधान सभा ने इसे भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया. इसे पहली बार 1896 में कलकत्ता में कांग्रेस अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने गाया था. राजनीतिक नारे के तौर पर पहली बार वंदे मातरम का इस्तेमाल 7 अगस्त 1905 को किया गया था.
चार चरणों में इन कार्यक्रमों का होगा आयोजन
भारत सरकार इसे चार चरणों में मनाएगी. प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो द्वारा गुरुवार को जारी की गयी जानकारी के मुताबिक, साल भर चलने वाली गतिविधियों में आकाशवाणी और दूरदर्शन पर विशेष कार्यक्रम और एफएम रेडियो अभियान शामिल होगा. पीआईबी टियर 2 और 3 शहरों में वंदे मातरम पर पैनल चर्चा और संवाद आयोजित करेगा. दुनिया भर में सभी भारतीय मिशनों और कार्यालयों में वंदे मातरम की भावना को समर्पित एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा. वंदे मातरम की भावना को समर्पित एक वैश्विक संगीत समारोह आयोजित किया जाएगा. 'वंदे मातरम:धरती मां को सलाम' पेड़ लगाने के अभियान आयोजित किए जाएंगे. राजमार्गों पर देशभक्ति से जुड़े चित्र बनाए और प्रदर्शित किए जाएंगे. ऑडियो संदेश और विशेष उद्घोषणाएं की जाएंगी. रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर एलईडी डिस्प्ले पर वंदे मातरम के बारे में जानकारी दिखाई जाएगी".














