इस आदिवासी की टिप पर मारे गए 12 खूंखार नक्सली, अब मिलेगा इतना बड़ा इनाम

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए नक्सली ऑपरेशन (Maoist Encounter) ने एक गरीब आदिवासी की जिंदगी बदल दी.सरकार न सिर्फ ऑपरेशन में शामिल कमांडो को इनाम देने जा रही है बल्कि उस शख्स को भी बड़ी रकम देगी.

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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में बुधवार को सुरक्षाबलों ने एक ऑपरेशन (Gadchiroli Encounter) में 12 माओवादियों को मार गिराया. जिस आदिवासी शख्स ने माओवादियों के छिपे होने की पुख्ता जानकारी पुलिस को दी थी. उसे अब बड़े इनाम से सम्मानित किया जाएगा. पुलिस के मुताबिक, जानकारी देने वाले गरीब आदिवासी शख्स को 86 लाख रुपए इनाम के तौर पर दिए जाएंगे. इसी शख्स की सूचना पर कमांडो ने गढ़चिरौली में  पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के ऑपरेशन में 12 वांछित नक्सलियों (Maoist Killed) को मार गिराया. 

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नक्सलियों की सूचना देने वाले को मिलेंगे 86 लाख

महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस ऑपरेशन में शामिल कमांडो के लिए अलग से 51 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है. वहीं जानकारी देने वाले शख्स को सरकार अलग से 86 लाख रुपए का इनाम देगी.  गढ़चिरौली के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए जानकारी देने वाले आदिवासी की पहचान गुप्त रखी गई है. कोशिश की जा रही है कि इनाम की राशि उनको जल्द से जल्द मिल सके.  

 साल 2014 में 109 नक्सलियों को मार गिराने की रणनीति बनाने वाले महाराष्ट्र नक्सल विरोधी ऑपरेशन सेल के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस संदीप पाटिल ने कहा, "हमने वांडोली में करीब 12 ऑपरेशन किए थे, लेकिन PLG नेतृत्व सफल रहा. अपने कमांडो के साहस की वजह से हम सबसे कठिन परिस्थितियों में भी नक्सलियों के खात्मे में कामयाब रहे."

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ये हैं मुठभेड़ में मारे गए नक्सली

एनकाउंटर में जिन नक्सलियों को गोली लगी उनमें तीन शीर्ष डिविजनल कमेटी के सदस्य, योगेश तुलावी, लक्ष्मण अत्राम उर्फ ​​विशाल और प्रमोद कचलामी शामिल थे. तुलावी पर हत्या के 19 मामले दर्ज थे. वह सुरक्षा बलों के खिलाफ 28 मुठभेड़ों में शामिल रह चुका था. वहीं अत्राम पर 78 अपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें 15 हत्याएं और 42 मुठभेड़ शामिल हैं.

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वह बहादुर आदिवासी, जिसकी सूचना की वजह से ही गढ़चिरौली में 12 वांछित नक्सलियों का खात्मा किया जा सका, उसे सरकार 86 लाख रुपए इनाम के तौर पर देने जा रही है. वहीं इस ऑपरेशन में शामिल कमांडो को 51 लाख रुपये दिए जाएंगे. यह ऑपरेशन महाराष्ट्र में नक्सल विरोधी कोशिशों की सफलता को दिखाता है. पुलिस का दावा है कि इस अभियान की सफलता की वजह से माओवादियों के कोरची-टीपागढ़ दलम और चटगांव-कासनसूर दलम का सफाया हो गया है. 

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5 महिला नक्सलियों समेत 12 ढेर

बता दें कि बुधवार को छत्तीसगढ़ सीमा के पास हुई मुठभेड़ में पांच महिला नक्सलियों समेत कुल 12 नक्सली मारे गए. इस मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए हैं.  दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी दोपहर में शुरू हुई और करीब छह घंटे तक चली. गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक, "बुधवार सुबह विश्वसनीय सूचना मिली कि कोरची-टीपागढ़ और चटगांव-कासनसूर के संयुक्त स्थानीय संगठन दस्ते (एलओएस) के 12 से 15 सदस्य वंडोली गांव में छत्तीसगढ़ की सीमा के पास वन क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं, इनका उद्देश्य नक्सलियों द्वारा मनाए जाने वाले आगामी शहीद सप्ताह (28 जुलाई से तीन अगस्त) के मद्देनजर विध्वंसकारी गतिविधियों को अंजाम देना है."

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सुरक्षाबलों ने ऐसे किया नक्सलियों का खात्मा

पुलिस उपाधीक्षक (ऑपरेशन) विशाल नागरगोजे के नेतृत्व में माओवादी विरोधी सी-60 दस्ते की सात यूनिट को तुरंत क्षेत्र में तलाशी अभियान के लिए भेजा गया. जब टीमें अभियान में लगी हुई थीं, तब माओवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसका सी-60 टीमों ने मुहंतोड़ जवाब दिया." पुलिस का दबाव बढ़ता देख माओवादी घने जंगल की ओर भाग गए. गोलीबारी के बाद इलाके की तलाशी ली गई, जिसमें सात पुरुष और पांच महिला माओवादियों के शव बरामद हुए.

AK-47 समेत कई हथियार बरामद

अधिकारी ने बताया कि शवों के अलावा, पुलिस ने मौके से सात स्वचालित हथियार, तीन एके 47 राइफल, दो इंसास राइफल, एक कार्बाइन गन और एक सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), माओवादी साहित्य, विस्फोटक, डेटोनेटर और अन्य सामान बरामद किया. पुलिस का कहना है कि इस ऑपरेशन के बाद उत्तरी गढ़चिरौली के ज्यादातर हिस्से से सशस्त्र माओवादी समूहों का सफाया हो गया है.

मारे गए नक्सलियों पर था इतना इनाम

ऑपरेशन में मारे जाने वाले योगेश तुलावी, लक्ष्मण अत्राम उर्फ ​​विशाल और प्रमोद कचलामी पर 16-16 लाख रुपये का इनाम घोषित था. जबकि अन्य मृतक, महारू गावड़े (31), अनिल दर्रो (28), सरिता परसा (37), रज्जो गावड़े (35) और विज्जू, सभी चटगांव-कासनसूर और कोरची-टीपागढ़ एलओएस के एरिया कमेटी सदस्य थे. उन पर 6-6 लाख रुपये का इनाम रखा गया था.  चंदा पोद्याम, सीता हॉके, रोजा और सागर - सभी चटगांव-कासनसूर और कोरची-टीपागढ़ एलओएस के सदस्य थे, जिन पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था. 

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