पिछले काफी समय से देशभर के खासकर इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के साथ रैगिंग के मामले (Ragging Case) लगातार सामने आ रहे हैं. इसमें ताजा मामला तेलंगाना के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज का है, जहां एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने अपने जूनियरों के साथ कथित तौर पर रैगिंग की है. कॉलेज प्रशासन ने जूनियरों के साथ कथित तौर पर रैगिंग करने के आरोप में सोमवार को एमबीबीएस के दस छात्रों को एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया.
एंटी-रैगिंग कमेटी ने जांच के बाद लिया यह फैसला
आपको बता दें कि कुछ जूनियर्स ने कॉलेज के सीनियर छात्रों पर रैगिंग का आरोप लगाया था. एंटी-रैगिंग कमेटी (Anti-ragging Committee) द्वारा जांच के बाद सस्पेंशन के आदेश जारी किए गए. बताया जा रहा है कि इस कॉलेज में पिछले कुछ महीनों में रैगिंग के कई मामले आ चुके हैं.
पिछले कुछ दिनों से रैगिंग में लिप्त पाए गए आरोपी छात्र
इस मामले को लेकर कमेटी के एक अधिकारी ने कहा है कि आरोपी एमबीबीएस के छात्र पिछले कुछ दिनों से रैगिंग में लिप्त पाए गए. जिन छात्रों को साथ रैगिंग हुई, उन्होंने यूजीसी, नई दिल्ली में एंटी-रैगिंग सेल में इसकी शिकायत की. अधिकारी का कहना है कि इस मामले से तेलंगाना अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.
इस मामले पर एंटी-रैगिंग कमेटी के अधिकारी ने अपने बयान में कहा,"हमने उन्हें (आरोपी छात्र) एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया है और हॉस्टल से बाहर निकाल दिया है."
IT मंडी और जादवपुर यूनिवर्सिटी से भी Ragging के मामले आए
कुछ दिनों पहले IIT मंडी में अपने जूनियर के साथ रैगिंग करने के आरोप में 10 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया और 62 अन्य छात्र के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई. वहीं, जादवपुर यूनिवर्सिटी में रैगिंग के चलते 17 वर्षीय छात्र की मौत का मामला भी सामने आया था, जिसमें हॉस्टल की दूसरी मंजिल की बालकनी से कथित तौर पर गिरने के बाद किशोर की मौत हो गई. पीड़ित छात्र के परिवार ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल में उसे रैगिंग और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. इस मामले में पुलिस नेअब तक 13 गिरफ्तारियां की हैं.