अमेरिका के आखिरी विमान के काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही अफगानिस्तान में 20 साल लंबे चले सैन्य संघर्ष का अंत हो गया. यह अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबा और सबसे खर्चीला युद्ध था. महज दो हफ्तों में हेरात, कंधार, जलालाबाद जैसे शहरों पर विजयी पताका फहराते हुए 15 अगस्त 2021 को तालिबान के काबुल में घुसने से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां भी हैरान थीं, लेकिन पिछले 15 दिनो में अमेरिका, भारत, ब्रिटेन ने काबुल एयरपोर्ट से अपने नागरिकों, मददगारों और खतरे में पड़े लोगों के लिए जो अभियान छेड़ा, उनकी कुछ न भुलाने वाली तस्वीरें भी हैं.
तालिबान ने कंधार, हेरात, जलालाबाद जैसे शहरों के बाद 15 अगस्त को काबुल में भी प्रवेश कर लिया. राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बीच तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय में घूमते नजर आए.
अमेरिकी सैनिकों (US Military) के काबुल हवाई अड्डा छोड़ने के आखिरी दिन तालिबान लड़ाके (Taliban Fighters) भी वहां नजर आए. तालिबान प्रवक्ता ने अमेरिकी फौजियों के बीच संदेश दिया कि अमेरिकी मिशन का अंत अफगानिस्तान में विदेशी आक्रमणकारियों के लिए कड़ा सबक है.
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