केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध नहीं थम रहा है. खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस शासित पंजाब के हजारों किसान हरियाणा बॉर्डर पर जमा हैं. वे सभी आज (गुरुवार, 26 नवंबर) दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं. दिल्ली आने का उनका मकसद केंद्र सरकार के समक्ष विरोध कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग से है. किसान बीजेपी शासित राज्य हरियाणा की पुलिस द्वारा रोकने के लिए किसी भी कार्रवाई का डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं. दिल्ली में आज और कल (गुरुवार और शुक्रवार) पंजाब के अलावा उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, केरल और उत्तर प्रदेश के किसान भी प्रदर्शन और विरोध मार्च करने वाले हैं. इस बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोनावायरस (Coronavirus) की वजह से किसी भी संगठन को दिल्ली में मार्च करने, विरोध-प्रदर्शन या रैली करने की अनुमति देने से इनकार किया है. गुरुग्राम और फरीदाबाद बॉर्डर पर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं.
Farmers Protest Updates in Hindi:
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक एवं नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों की बात सुने और कृषि कानूनों को वापस ले. आरएलपी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग की घटक दल है जिसने राजस्थान में पिछला चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था. बेनीवाल ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया कि केंद्र सरकार को कृषि कानूनों के विरोध में अपनी बात रखने दिल्ली जा रहे किसानों की बात सुनकर कृषि कानूनों को वापस लेने की जरूरत है.
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) प्रमुख एच. डी़ देवेगौड़ा ने बृहस्पतिवार को केन्द्र से कहा कि वह किसानों के साथ सम्मान से पेश आए और उनके साथ बातचीत करे. उन्होंने पुलिस के साथ किसानों की झड़प पर दुख जताया. केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के बृहस्पतिवार को आयोजित 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर आ रहे पंजाब के किसानों ने हरियाणा की सीमा पर पुलिस बैरीकेड पार करने का प्रयास किया, उस दौरान उन्हें सर्दी में पानी की बौछार झेलनी पड़ी.
दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया है।