ऑनलाइन लोन देने वाले मोबाइल ऐप ज्यादा ब्याज नहीं ले सकते : दिल्ली हाईकोर्ट

याचिका तेलंगाना के धरणीधर करिमोजी नाम के एक व्यक्ति ने दायर की है, जो डिजिटल विपणन के क्षेत्र में काम करते हैं. उनका दावा है कि 300 से अधिक मोबाइल ऐप सात से 15 दिन की अवधि के लिए 1,500 से 30,000 रुपये तक का कर्ज तत्काल देते हैं.

Advertisement
Read Time: 16 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मोबाइल ऐप के जरिये अल्पावधि के पर्सनल लोन देने वाले ऑनलाइन ऋण (Online Loan) प्रदाता मंचों को अत्यधिक ब्याज और प्रोसेसिंग शुल्क लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती. अदालत ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से इस मामले को देखने को कहा है. उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले को विशेषज्ञ निकाय द्वारा देखे जाने की जरूरत है. अदालत ने उम्मीद जताई की इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तक केंद्र और आरबीआई (RBI) किसी समाधान के साथ आएंगे.

LIC Home Loan : होम लोन का स्टेटमेंट चाहिए? कुछ ईज़ी स्टेप्स में करिए ऑनलाइन डाउनलोड

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने कहा, “ब्याज दर अत्यधिक नहीं होना चाहिए. जरा परेशानियों को देखिए. एक विशेषज्ञ निकाय की जरूरत है. अगर आप लोग कार्रवाई करने में इतने धीमे हैं, तो हम इसे अपने आदेश से और एक विशेषज्ञ समिति के जरिये करेंगे.” पीठ ने कहा, “इतनी ऊंची ब्याज दर और प्रोसेसिंग शुल्क की इजाजत नहीं दी जा सकती.” अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ऑनलाइन ऋण (Online Loan) देने वाले मंचों को विनियमित करने की मांग की गई है. ये मंच मोबाइल ऐप के जरिए भारी ब्याज दर पर अल्पावधि के पर्सनल लोन की पेशकश करते हैं, और कथित तौर पर चुकाने में देरी होने पर लोगों को अपमानित और परेशान करते हैं.

Mastercard को RBI के बैन से बड़ा झटका! अब आगे क्या? पुराने ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर?

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी और अदालत से इसके लिये कुछ समय की मांग की. आरबीआई (RBI) का पक्ष रख रहे अधिवक्ता रमेश बाबू एमआर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नियमन का काम करता है और वह ऑनलाइन ऋण (Online Loan) प्रदाताओं का नियमन नहीं करता तथा ऐसा करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है. उन्होंने कहा कि एक समिति पहले ही गठित की गई है, जिसे अपनी रिपोर्ट देनी है और अदालत के समक्ष रिपोर्ट और अतिरिक्त हलफनामा दायर करने के लिये वक्त मांगा.

Advertisement

रिजर्व बैंक ने तीन को-ऑपरेटिव बैंकों पर लगाया 23 लाख रुपये का जुर्माना, जानें पूरा मामला

याचिका तेलंगाना के धरणीधर करिमोजी नाम के एक व्यक्ति ने दायर की है, जो डिजिटल विपणन के क्षेत्र में काम करते हैं. उनका दावा है कि 300 से अधिक मोबाइल ऐप सात से 15 दिन की अवधि के लिए 1,500 से 30,000 रुपये तक का कर्ज तत्काल देते हैं. याचिका में कहा गया कि इन मंचों से लिए गए ऋण का लगभग 35 प्रतिशत से 45 प्रतिशत हिस्सा विभिन्न शुल्कों के रूप में तुरंत कट जाता है और शेष राशि ही कर्ज लेने वाले के बैंक खाते में अंतरित की जाती है.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
PM Modi USA Visit: 21 से 23 सितंबर तक America के दौरे पर होंगे प्रधानमंत्री मोदी | Breaking News
Topics mentioned in this article