नगालैंड में सुरक्षाबलों के कई वाहनों में आग लगा दी गई
नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की आतंक रोधी कार्रवाई में 13 ग्रामीणों की मौत के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है. प्रदर्शनकारियों ने असम रायफल्स के कैंप का घेराव किया. तमाम युवक कैंप के अंदर घुस गए और वहां आग लगाने की कोशिश की.
जानिए नगालैंड के घटनाक्रम की 10 बड़ी बातें :
										- नगालैंड के मोन (Nagaland Mon) जिले में सुरक्षा ऑपरेशन में चूक और हिंसक भीड़ को काबू करने के दौरान 14 लोग मारे जा चुके हैं. जबकि एक जवान की मौत हुई है. नगालैंड पुलिस सूत्रों का कहना है कि मोन जिले में हुई घटना के बाद एक अन्य नागरिक की मौत हुई है. सूत्रों का कहना है कि असम रायफल्स के कैंप को घेरने वाले प्रदर्शनकारियों से बचाव के लिए आत्मरक्षा में जवानों ने गोलियां चलाईं. इसमें एक नागरिक की मौत हो गई. जबकि पहले इसको लेकर हत्या का केस दर्ज किया गया है. जबकि मोन जिले में कर्फ्यू के साथ धारा 144 लागू की गई है.
 - प्रदर्शनकारियों ने असम रायफल्स के कैंप का घेराव किया. तमाम युवक कैंप के अंदर घुस गए और वहां आग लगाने की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों ने कैंप को घेराव किया. सूत्रों ने कहा, उग्रवादियों की गतिविधियों की एक गुप्त सूचना मिलने के बाद सेना ने शनिवार दोपहर को ओटिंग गांव के निकट मुठभेड़ की तैयारी की थी.
 - सूत्रों का कहना है कि भीड़ की ओर से पत्थरबाजी भी की गई. आत्मरक्षा में भीड़ को खदेड़ने के लिए हवा में फायरिंग की गई. इस घटना में 6 स्थानीय नागरिक और 7 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. भारत और म्यांमार से लगी सीमा पर ये घटना हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एसआईटी इस मामले की जांच करेगी. मामले में कोर्ट ऑफ इनक्वायरी (Court OF Inquiry) का आदेश दिया गया है.
 - सुरक्षाबलों ने म्यांमार से लगी सीमा पर मोन जिले में उग्रवाद विरोधी अभियान चलाया. सेना (Army) ने म्यांमार की सीमा से लगे नगालैंड (Nagaland) के मोन जिले के ओटिंग गांव में एक सुरक्षाबलों के अभियान में "दुर्भाग्यपूर्ण तरीके" से नागरिकों की मौत पर गहरा खेद व्यक्त किया है और कहा कि मामले की "उच्चतम स्तर" पर जांच की जाएगी.
 - सेना ने कहा कि इस ऑपरेशन में एक जवान की भी मौत हुई है. सेना ने मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं. मोन क्षेत्र नागा समूह NSCN(K) और उल्फा का गढ़ रहा है. यह घटना ऐसे वक्त में हुई है, जब राज्य "हॉर्नबिल फेस्टिवल" मनाने जा रहा है, और कई राजनयिक पहले से ही इस क्षेत्र में मौजूद हैं.पुलिस सूत्रों ने कहा, सुरक्षाबलों ने तिरु-ओटिंग रोड पर एक वाहन पर फायरिंग की, जिसमें ग्रामीण सवार थे. इस गोलीबारी में छह ग्रामीण मारे गए. घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से दो अन्य की इलाज के दौरान मौत हो गई.
 - इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों को घेर लिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, भीड़ के धावे के बीच आत्मरक्षा में सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाईं, जिसमें पांच अन्य ग्रामीण मारे गए और छह घायल हो गए. इसमें एक जवान की भी मौत हो गई. सुरक्षाबलों के तीन वाहनों में भी आग लगा दी गई.
 - शाम के वक्त मोन जिले में हालात औऱ तनावपूर्ण हो गए जब गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने असम रायफल्स (Assam rifles) के कैंप को घेर लिया. पुलिस सूत्रों ने कहा, प्रदर्शनकारी कैंप में घुस गए और उसके कुछ हिस्से में आग लगा दी. सेना ने एक बयान में कहा, उग्रवादियों की गतिविधियों की सटीक खुफिया सूचना के आधार पर मोन जिले के तिरु में विशेष ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी. लेकिन इसके बाद जो घटना हुई, वो बेहद खेदजनक है.
 - सेना ने कहा, इन दुर्भाग्यपूर्ण मौतों की वजह की उच्चस्तरीय पर जांच कराई जा रही है और उसके बाद कानूनी तरीके से उचित कार्रवाई की जाएगी. इसमें कहा गया कि सुरक्षाबलों को घटना में गंभीर चोटें आई हैं. एक सैनिक की मौत भी हुई है.
 - गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, नगालैंड के ओटिंग में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद पीड़ादायक है. मैं मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं. राज्य सरकार ने एक उच्चस्तरीय एसआईटी बनाकर गहनता से जांच कराने का निर्णय़ किया है, ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके.
 - नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने ट्वीट कर कहा, मोन के ओटिंग में नागरिकों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना निंदनीय है. पीड़ित परिवारों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. एसआईटी जांच पूरी कर इस मामले में इंसाफ करेगी. मैं सभी लोगों से शांति एवं संयम बरतने की अपील करता हूं. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से लौट रहे रियो कैबिनेट बैठक बुला सकते हैं. मोन जिलों में अफवाहों को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवा रोक दी गई है.
 - मोन जिला NSCN(K) का गढ़ रहा है और उल्फा का भी यहां प्रभाव रहा है. यह घटना ऐसे वक्त हुई है, जब राज्य में हार्नबिल फेस्टिवल के जश्न को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इस आयोजन में कई राजनयिक भी हिस्सा ले रहे हैं. इस घटना में कई लोगों को गंवाने वाली कोनयाक समुदाय ने त्योहार में आगे किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से मना कर दिया है. छह अन्य जातीय समूहों ने आयोजन में शामिल होने से मना कर दिया है.
 
Advertisement
                                                    Advertisement
                                                    Advertisement
                                                    













