कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम दुकानदारों को मंदिर के वार्षिक मेले में इजाजत नहीं देने के मामले से बनाई दूरी

कर्नाटक के उडुपी जिले के कापू शहर में मारी गुड़ी मंदिर प्रबंधन ने वार्षिक उत्सव के दौरान अन्य धर्म के लोगों को मंदिर की जमीन पर कारोबार नहीं करने देने का फैसला किया है.

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बेंगलुरू:

कर्नाटक सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए बुधवार को उस मुद्दे से दूरी बनाई, जिसमें राज्य के कई हिस्सों में मंदिरों के वार्षिक मेले और हिंदू त्योहारों के दौरान मुसलमान कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों को अनुमति नहीं देने की बात सामने आयी है. कर्नाटक के उडुपी जिले के कापू शहर में मारी गुड़ी मंदिर प्रबंधन ने वार्षिक उत्सव के दौरान अन्य धर्म के लोगों को मंदिर की जमीन पर कारोबार नहीं करने देने का फैसला किया है. कुछ हिंदू संगठनों के अनुरोध के बाद यह फैसला लिया गया है.हिंदू जागरण वेदिका और तुलुनाडु हिंदू सेना जैसे संगठनों ने मंदिर प्रबंधन से मंगलवार और बुधवार को दो दिवसीय धार्मिक मेले के दौरान मुस्लिम व्यापारियों को कारोबार करने की अनुमति नहीं देने की अपील की थी. जिसके बाद मंदिर प्रबंधन ने यह कदम उठाया है.

राज्य सरकार ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि ये नियम मंदिर परिसर के बाहर रेहड़ी-पटरी लगाने वालों पर लागू नहीं होते और अगर इसके चलते कोई भी व्यवधान उत्पन्न होता है तो कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने कहा कि वह इस मामले में अगला कदम उठाने से पहले नियमों और जमीनी हालात का जायजा लेगी.दरअसल, विधानसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा उडुपी जिले में कापू मारी गुड़ी उत्सव में ऐसे बैनर लगाए जाने संबंधी रिपोर्ट पर सवाल किया, जिसमें लिखा है कि मुसलमान कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों को अनुमति नहीं दी जाएगी. इसी तरह के बैनर कथित तौर पर पाडुबिदरी मंदिर उत्सव और दक्षिण कन्नड़ जिले के कई मंदिरों के बाहर लगाए गए हैं.

राज्य के कानून मंत्री जे सी मधुस्वामी ने कहा, ''वर्ष 2002 में कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम के नियम बनाते समय, नियम 12 में कहा गया है कि संस्थान के पास स्थित भूमि, भवन या स्थल सहित कोई भी संपत्ति गैर-हिंदुओं को पट्टे पर नहीं दी जाएगी. इन नियमों का हवाला देते हुए पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं.'' नियमों का पालन किए जाने का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा, ''अगर परिसर के भीतर चीजें (अन्य धर्म के कारोबारियों द्वारा कार्य) हो रही हैं तो उन्हें नियमों का पालन करना होगा. हमारी (भाजपा) सरकार ने यह नियम नहीं बनाए हैं. ये नियम 2002 में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए थे और अब आप हम पर आरोप मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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