कर्नाटक सरकार ने कहा- हिजाब विवाद केवल आठ शिक्षण संस्थानों तक सीमित

उच्च न्यायालय ने हिजाब विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं के लंबित रहने तक के लिए पिछले हफ्ते अंतरिम आदेश जारी किया था और विद्यार्थियों के भगवा गमछा, हिजाब या किसी तरह का धार्मिक निशान कक्षा में ले जाने पर रोक लगा दी थी.

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कर्नाटक में हिजाब विवाद
बेंगलुरु:

कर्नाटक सरकार (karnataka Government) ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिजाब विवाद राज्य के कुल 75,000 संस्थानों में से केवल आठ हाई स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में है. इसके साथ ही सरकार ने इस मुद्दे के समाधान का भरोसा जताया. उच्च न्यायालय ने हिजाब विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं के लंबित रहने तक के लिए पिछले हफ्ते अंतरिम आदेश जारी किया था और विद्यार्थियों के भगवा गमछा, हिजाब या किसी तरह का धार्मिक निशान कक्षा में ले जाने पर रोक लगा दी थी.

बहरहाल, यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है क्योंकि कुछ छात्राएं बृहस्पतिवार को हिजाब और बुर्का के साथ कक्षाओं में जाने की अनुमति दिए जाने की मांग पर अड़ी रहीं. कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह 'समस्या' केवल कुछ हाई स्कूल और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज तक ही सीमित है. उन्होंने कहा, '75,000 स्कूल एवं कॉलेज में से आठ कॉलेज में समस्या कायम है. हम इसका समाधान करेंगे. हमें खुशी है कि सभी विद्यार्थियों ने हमारे आदेश का पालन किया है.'

बल्लारी में सरला देवी कॉलेज में तनाव पैदा हो गया जब अभिभावकों और विद्यार्थियों ने संस्थान के सामने धरना प्रदर्शन किया क्योंकि अधिकारियों ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए बुर्का के साथ छात्राओं को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. पुलिस और वकीलों के समझाने के बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए. 

बेलगावी में विजय इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेज में, प्रदर्शन से तनाव पैदा हो गया. कॉलेज के सामने धार्मिक नारे लगाने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक, कई लोग जो कॉलेज से जुड़े नहीं थे, उन्होंने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पुलिस ने उनकी पहचान करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. चित्रदुर्ग महिला पीयू कॉलेज में विद्यार्थियों ने संस्था के बाहर धरना दिया. एक छात्रा ने शिकायत की कि उन्हें 'अपने कॉलेज' में ही अंदर नहीं जाने दिया गया. चिक्कमगलुरु में, विद्यार्थियों ने रैली निकाली और सवाल किया कि अगर रोक है तो हिंदुओं को 'बिंदी और चूड़ियों जैसे धार्मिक प्रतीकों' का उपयोग करने की अनुमति क्यों दी गई.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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