राममंदिर निर्माण के लिए खुदाई में मिली कलाकृतियों के संरक्षण से जुड़ी अर्जी पर SC में सुनवाई बंद

जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अब सुनवाई बंद कर दी है लेकिन इससे पहले उनके दोनों याचिकाकर्ताओं से एक-एक लाख रुपये जुर्माना वसूल किया है. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि जुर्माना राशि एक-एक लाख रुपये जमा करा दिए गए हैं.

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नई दिल्ली:

अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे श्रीराम मंदिर (Shri Ram Temple) के लिए रामजन्मभूमि स्थल को खोदने के दौरान मिलने वाली कलाकृतियों के संरक्षण के लिए दाखिल की गई जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अब सुनवाई बंद कर दी है लेकिन इससे पहले उनके दोनों याचिकाकर्ताओं से एक-एक लाख रुपये जुर्माना वसूल किया है. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि जुर्माना राशि एक-एक लाख रुपये जमा करा दिए गए हैं. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश की सर्वोच्च न्यायालय के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि टोकन चार्ज लगाना चाहिए था ताकि भविष्य में ऐसी याचिका दाखिल न हो सके.

दरअसल, जुलाई 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था और दोनों याचिकाकर्ताओं पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. अदालत ने तब दोनों याचिकाओं को तुच्छ कहा था. जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वो जनहित में ऐसी याचिका कैसे दाखिल कर सकते हैं? कोर्ट ने एक महीने में ही जुर्माना जमा करने के आदेश दिए थे. 

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SC ने उस याचिका पर कहा था कि शीर्ष अदालत की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने रामजन्मभूमि विवाद पर फैसला दिया है और यह अदालत के आदेश को खत्म करने का प्रयास है. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को बकवास करार देते हुए याचिका दायर करने वाले दोनों संगठनों की गतिविधियों की सीबीआई जांच कराने की धमकी दी थी. SC ने कहा था कि यह अयोध्या मुद्दे पर SC के फैसले को रद्द करने का प्रयास है. 

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं को विवादित भूमि और मुसलमानों को वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि नए राम मंदिर ढांचे के लिए नींव की खुदाई के दौरान जो भी कलाकृतियां मिले, उनका संरक्षण किया जाय, याचिकाकर्ता ने ऐसा संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में यह किए जाने की मांग थी.

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