छत्रसाल स्टेडियम हत्या मामला : पहलवान सुशील जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे

सुशील कुमार ने कुछ लोगों के साथ मिलकर पूर्व जूनियर नेशनल कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ और उनके दोस्तों पर कथित रूप से संपत्ति विवाद को लेकर स्टेडियम में हमला किया था जिससे धनखड़ की मौत हो गई

Advertisement
Read Time: 19 mins
नई दिल्ली:

ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर छत्रसाल स्टेडियम हत्या मामले में जमानत दिए जाने का अनुरोध किया. कुमार ने अदालत में आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है और उनकी ‘‘दोषपूर्ण छवि'' पेश की है. कुमार ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर पूर्व जूनियर नेशनल कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ और उनके दोस्तों पर कथित रूप से संपत्ति विवाद को लेकर स्टेडियम में इस साल मई में हमला किया था . बाद में धनखड़ ने दम तोड़ दिया . अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद मंगलवार को जमानत की अर्जी पर सुनवाई करेंगे.

पीड़ित और शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नितिन वशिष्ठ ने कहा कि कुमार को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना अभी बाकी है और कुमार के साथ मिलकर वे लोग गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.

जेल में पिछले दो जून से बंद अंतरराष्ट्रीय पहलवान ने अदालत से राहत दिए जाने का अनुरोध करते हुए यह कहा कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उनके खिलाफ जो आरोप लगाये गए हैं इसका मकसद उन्हें अपमानित करना और उनकी छवि को धूमिल करना है.

Advertisement

एक याचिका में उन्होंने कहा कि एक उभरते पहलवान की ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण मौत'' को सनसनीखेज बनाया गया और कुछ लोगों ने निहित स्वार्थों के कारण उसका इस्तेमाल उनके खिलाफ किया. ओलंपियन ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस ने उनकी ‘‘झूठी और गलत छवि'' पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पुलिस ने उनके और कुख्यात बदमाश के बीच संपर्क दिखाने के लिए मीडिया को झूठी जानकारी दी.

Advertisement

अधिवक्ता प्रदीप राणा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि चार्जशीट दाखिल करने के बाद जांच एजेंसी द्वारा किए गए सभी दावे असत्य हैं और हकीकत में उनका कोई आधार नहीं है.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Indus Water Treaty में संशोधन की बात करके India ने कैसे Pakistan को 'टाइट' कर दिया है?
Topics mentioned in this article