इजरायल पर 7 अक्टूबर का हमला आतंकी हमला था, इसकी निंदा होनी चाहिए : ऑस्ट्रेलियाई विदेशमंत्री से बातचीत के बाद एस जयशंकर

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को अपनी आर्थिक एवं सुरक्षा साझेदारी को गहरा करने का संकल्प जताया और एक ‘‘मुक्त, स्वतंत्र, समावेशी एवं नियम आधारित’’ हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

विज्ञापन
Read Time: 27 mins
भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)

ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री पेनी वोंग के साथ वार्ता को लेकर भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया समग्र रणनीतिक साझेदारी में वास्तविक गतिशीलता आ रही है. इजरायल-हमास जंग पर एस जयशंकर ने कहा कि कई बार हमने इस मुद्दे पर बयान दिया है. हमारे लिए सबसे पहला मुद्दा आतंकवाद और बंधकों का है. दूसरा गाजा के लोगों को राहत और मदद का मुद्दा है. तीसरा मुद्दा दो राष्ट्रों के बीच समाधान का है, जिस पर बातचीत ही समाधान का रास्ता है. सभी मुद्दे एक-दूसरे से जुड़े हैं. किसी भी मुद्दे को अलग करके नहीं देखा जा सकता. इस मामले पर ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री पेनी वोंग ने कहा कि गाजा में मानवीय त्रासदी बहुत गंभीर है. हम इस मत पर सहमत हैं कि 7 अक्टूबर का हमला आतंकी हमला था और इसकी निंदा होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि गाजा में मानवीय त्रासदी को रोकने की जरूरत है. समस्या का राजनीतिक समाधान हो. इजराइल और फिलस्तीन शांतिपूर्वक रहें. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा इजरायली सेटलमेंटस अंतराष्ट्रीय नियमों के विपरीत हैं. ये दो राष्ट्रों के समाधान में बाधा हैं. कनाडा के मुद्दे पर एस जयशंकर ने कहा कि हां, हमने कनाडा पर चर्चा की. हमने वोंग को अपना पक्ष बताने की कोशिश की किस तरह चरमपंथ को जगह दी जा रही है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को अपनी आर्थिक एवं सुरक्षा साझेदारी को गहरा करने का संकल्प जताया और एक ‘‘मुक्त, स्वतंत्र, समावेशी एवं नियम आधारित'' हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया. यह क्षेत्र चीन की बढ़ती आक्रामकता का गवाह बन रहा है. ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया विदेश मंत्रियों के फ्रेमवर्क संवाद' में हिस्सा लेने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की अपनी समकक्ष पेनी वोंग के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अगले साल किसी समय क्वाड (चतुष्पक्षीय) समूह की एक बैठक की तैयारी कर रहा है. क्वाड समूह में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) वार्ता पर आगे बढ़ने के महत्व को रेखांकित किया और इस विषय पर चर्चा की. एस जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने अपने छात्रों और पेशेवरों की दोनों देशों में आवाजाही अधिक सुगम बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के तरीके पर बात की.''

विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा की. संवाददाता सम्मेलन में इजराइल-हमास संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने भारत की स्थिति के बारे में बात की और कहा कि इस ‘‘बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण स्थिति'' के कई पहलू हैं.

Advertisement

एस जयशंकर ने कहा, ‘‘7 अक्टूबर को जो हुआ, निश्चित रूप से आतंकवाद उसका एक पहलू है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में हम यही सोचते हैं कि हमें आतंकवाद पर कभी समझौता नहीं करना चाहिए, हमें इसके बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए इसलिए वह एक मुद्दा है और इसमें बंधकों का मुद्दा भी शामिल है.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा मुद्दा आज गाजा में मानवीय संकट का है. मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है और वहां अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना आवश्यक है. तीसरा मुद्दा फलस्तीनियों के अधिकारों और भविष्य से संबंधित है, उसका भी कोई समाधान होना चाहिए. हमारी और विश्व के अनेक देशों की दृष्टि में वह दो-राष्ट्र समाधान में ही निहित हो सकता है.''जयशंकर ने कहा, ‘‘हमें एक रास्ता तलाशना होगा जिसके जरिए इन सभी पहलुओं को संबोधित किया जा सके.''

Advertisement

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी में ‘‘वास्तविक प्रगति'' हो रही है. उन्होंने कहा, ‘‘आज अन्य बातों के अलावा हमने ‘व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते' (सीईसीए) वार्ता पर आगे बढ़ने के महत्व पर भी चर्चा की. हमने अपने छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही दोनों देशों में अधिक सुगम बनाने के लिए आगे बढ़ने के तरीके पर बात की.'' जयशंकर ने कहा, ‘‘हम दोनों व्यापक और समावेशी विकास के लिए हिंद-प्रशांत में अधिक विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'' उन्होंने कहा कि ‘टू प्लस टू' संवाद के तहत और आज की बातचीत में सुरक्षा मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई.

Advertisement

जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ बढ़ते तालमेल को साझा किया है. इसके मूल में समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के आधार पर एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक साझा प्रतिबद्धता शामिल है.'' उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद, कट्टरवाद और चरमपंथ के मुद्दे पर भी चर्चा की.

एस जयशंकर ने कहा, ‘‘एक उदार लोकतंत्र, क्वाड सहयोगी होने के नाते हम नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय आधार पर काम करते रहेंगे। हम सभी राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करेंगे, सभी के लिए संपर्क, विकास और सुरक्षा को बढ़ावा देंगे.''भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को रक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान देने के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया भर में ‘‘असाधारण चुनौतियों'' से निपटने के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का फैसला किया. दूसरे भारत और ऑस्ट्रेलिया ‘टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय संवाद में दोनों देशों ने सूचना के आदान-प्रदान और समुद्री क्षेत्र में जागरूकता को लेकर सहयोग और बढ़ाने के महत्व को भी रेखांकित किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेशमंत्री एस जयशंकर ने ‘टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता के तहत यहां ऑस्ट्रेलियाई उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वोंग से मुलाकात की.

(इनपुट्स भाषा से भी)

Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: Kuwait में भारतीय श्रमिकों से कुछ यूं मिले PM मोदी, जानें क्या-क्या बातें हुई
Topics mentioned in this article