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This Article is From Jan 25, 2018

Virginia Woolf's 136th birthday: 'राइटिंग को Sex' की तरह मानती थीं वर्जिनिया वुल्फ, गूगल ने डूडल बनाकर ऐसे किया याद

Virginia Woolf's 136th Birthday पर गूगल ने डूडल बनाकर याद करते हुए यह दर्शाया कि वर्जिनिया की लिखी हुई लाइनें आज भी लोग याद करते हैं.

Virginia Woolf's 136th birthday: 'राइटिंग को Sex' की तरह मानती थीं वर्जिनिया वुल्फ, गूगल ने डूडल बनाकर ऐसे किया याद
वर्जिनिया वुल्फ की प्रमुख किताबों के बारे में पढ़ें और गूगल ने डूडल बनाकर किया याद
नई दिल्ली: 20वीं शताब्दी की महान लेखिका कही जाने वाली वर्जिनिया वुल्फ को गूगल ने आज अपना डूडल बनाकर याद किया है. गूगल ने Virginia Woolf's 136th birthday शीर्षक का इस्तेमाल किया है. वर्जिनिया वुल्फ ब्रिटिश लेखिका थीं और दुनिया भर में टॉप फेमिनिस्ट राइटर्स के बीच खास पहचान भी रखती हैं. उनका जन्म 25 जनवरी, 1882 को लंदन में हुआ था और वे बचपन से ही साहित्य में रच-बस गई थीं. उन्होंने इंग्लिश क्लासिक्स से लेकर विक्टोरियन लिटरेचर तक को पढ़ा और दुनिया भर में महिलाओं को लेखन और जीवन जीने के बिंदास सूत्र दिए. वे न सिर्फ पश्चिम में ही लोकप्रिय थीं, बल्कि दुनिया भर में उनकी लेखनी का जादू सिर चढ़कर बोला. वर्जिनिया वुल्फ के यादगार कोट उन्हें आज भी लोकप्रिय बनाए हुए हैं, और उनकी कही बातें आज भी भविष्य के राइटर्स के लिए सूत्र वाक्य हैं. आइए पढ़ते हैं ऐसे ही ये पांच बातें जो आपको बेहतरीन लेखक बनाने की दिशा में ले जा सकते हैंः

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"लिखना सेक्स की तरह है.  पहले आप इश्क की खातिर करते हैं, फिर दोस्तों के लिए करते हैं और फिर पैसों के लिए करने लगते हैं. "

"महिला होने के नाते मेरा कोई देश नहीं है. एक महिला होने के नाते पूरी दुनिया मेरा देश है."

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"कुछ लोग धर्म गुरुओं के पास जाते हैं. कुछ शायरी का दामन थामते हैं. मैं अपने दोस्तों के पास जाती हूं."

"अगर आप अपने बारे में सच नहीं कह सकते तो आप दूसरों के बारे में भी सच नहीं पाएंगे."

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"अगर आप चाहें तो अपनी लाइब्रेरी को ताला मार सकते हैं, लेकिन आपकी मानसिक आजादी को कैद कर सके ऐसा कोई गेट, ताला या बोल्ड नहीं है."

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वर्जिनिया वुल्फ अपने बचपन ने इंग्लिश क्लासिक्स और विक्टोरियन लिटरेचर को पूरी तरह घोंटकर पी गईं. लेकिन वर्जिनिया वुल्फ ने लेखन की शुरुआत 1900 में की. उनका पहला उपन्यास ‘द वॉयज आउट’ 1915 में प्रकाशित हुआ. इस उपन्यास को उनके पति लियोनार्ड वुल्फ के प्रकाशन संस्थान हॉगर्थ प्रेस ने छापा था. उनके श्रेष्ठ उपन्यासों में ‘मिसेज डैलोवे (1925)’, ‘टू द लाइटहाउस (1927)’, ‘ऑरलैंडो (1928)’ खास तौर से पहचाने जाते हैं. उन्होंने एक लंबा निबंध ‘अ रूम ऑफ वन्स ओन’ भी लिखा, जिसमें उनका कहना था कि अगर औरतों का फिक्शन लिखना है तो औरत के पास अपना पैसा और कमरा होना चाहिए.

इन किताबों पर बन चुकी हैं फिल्म
वर्जिनिया वुल्फ की किताब ‘ऑरलैंडो’ पर 1992 में फिल्म बनी थी जिसमें टिंडा स्विल्टन ने काम किया था. फिल्म को सैली पोटर ने डायरेक्ट किया था और आईएमडीबी पर इसे 7.2 की रेटिंग हासिल है. यही नहीं, ‘मिसेज डैलोवे’ पर फिल्म भी बन चुकी है. 1997 में बनी इस फिल्म को काफी पसंद किया गया था और इसे बेहतरीन फिल्म भी बताया गया था. उनकी कई कहानियों को टीवी पर उकेरा गया. उनके लेटर्स पर ‘वीटा और वर्जीनिया’ पर पोस्ट प्रोडक्शन में काम चल रहा है.


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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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