Wrong Eye Prescription : क्या आप अक्सर गलत चश्मा लगाने के नुकसान के बारे में सोचते हैं? या आपका बच्चा बार-बार सिरदर्द और आँखों के तनाव की शिकायत करता है? आप अकेले नहीं हैं. आज के डिजिटल युग में, जहाँ हमारी आँखें स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताती हैं, वहाँ सही चश्मा पहनना और भी ज़रूरी हो गया है. अगर आप जानना चाहते हैं कि गलत नंबर का चश्मा लगाने से क्या होता है, तो यह लेख आपके लिए है. यह एक आम ग़लती है कि लोग आई-टेस्ट कराए बिना किसी भी दुकान से चश्मा खरीद लेते हैं या पुराने प्रिस्क्रिप्शन (prescription) का उपयोग करते रहते हैं. लेकिन आपकी आँखों की ज़रूरतें लगातार बदलती रहती हैं. गलत चश्मा न सिर्फ आपकी आँखों पर ज़ोर डालता है, बल्कि यह तेज सिरदर्द, चक्कर आने और लगातार आँखों में दर्द का मुख्य कारण बन सकता है.
अगर आप चश्मा बदलने के नुकसान या नज़रों को कमज़ोर करने वाले कारणों की तलाश में हैं, तो आगे पढ़ें और जानें कि अपने विजन को सुरक्षित रखने के लिए आपको क्या करना चाहिए. सही जानकारी ही आँखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की पहली सीढ़ी है.
गलत नंबर का चश्मा लगाना आपकी आँखों और पूरे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से नुकसानदेह हो सकता है, भले ही वह थोड़े समय के लिए ही क्यों न हो. इसे तुरंत ठीक करना बहुत ज़रूरी होता है.
गलत चश्मा लगाने से क्या होता है? गलत चश्मा लगाने से होने वाली मुख्य समस्याएँ और उनके असर यहाँ दिए गए हैं:
1. आँखों पर सीधा तनाव (Eye Strain)
यह सबसे आम समस्या है. जब चश्मे का नंबर आपकी आँखों की ज़रूरत से ज़्यादा या कम होता है, तो आपकी आँखों की माँसपेशियाँ (Muscles) चीज़ों को साफ़ देखने के लिए लगातार ज़ोर लगाती रहती हैं.
भारीपन महसूस होना: आँखों में थकान, खिंचाव या भारीपन महसूस होता है.
पानी आना: कुछ लोगों की आँखों से बार-बार पानी आ सकता है या आँखें लाल हो सकती हैं.
थकान: लगातार तनाव के कारण आँखें बहुत जल्दी थक जाती हैं, ख़ासकर पढ़ने, कंप्यूटर पर काम करने या ड्राइव करने के दौरान.
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2. बार-बार सिरदर्द और चक्कर आना
गलत चश्मे का सीधा असर आपके दिमाग़ पर पड़ता है:
सिरदर्द (Headache): नंबर गलत होने पर दिमाग़ को धुंधली या विकृत (Distorted) छवि को प्रोसेस करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे तनाव वाला सिरदर्द (Tension Headache) हो सकता है. यह सिरदर्द आमतौर पर माथे या कनपटी (Temples) के पास होता है.
चक्कर आना या मतली (Dizziness/Nausea): जब लेंस का पावर या ऑप्टिकल सेंटर (Optical Center) आपकी आँखों के अनुरूप नहीं होता, तो चीज़ें थोड़ी झुकी हुई या हिलती हुई महसूस हो सकती हैं. इससे आपको चक्कर आ सकते हैं या मतली जैसा महसूस हो सकता है.
3. दृष्टि में बदलाव (Vision Problems)
धुंधला दिखना: अगर नंबर बहुत ज़्यादा अलग है, तो चीज़ें साफ़ दिखने की बजाय ज़्यादा धुंधली या विकृत (Warped) दिख सकती हैं.
दोहरा दिखना (Double Vision): कुछ मामलों में, ख़ासकर अगर प्रिज़्म (Prism) पावर गलत हो, तो आपको एक चीज़ दो बार दिखाई दे सकती है.
गहराई में कमी (Poor Depth Perception): आपका दिमाग़ चीज़ों की दूरी का सही अंदाज़ा नहीं लगा पाता. यह ख़ासकर सीढ़ियाँ चढ़ते या ड्राइविंग करते समय खतरनाक हो सकता है.
4. बच्चों पर ख़ास असर
बच्चों के लिए गलत चश्मा पहनना सबसे ज़्यादा नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि उनकी आँखें अभी भी विकास कर रही होती हैं:
नंबर में तेज़ी से वृद्धि: कुछ मामलों में, गलत चश्मा लगाने से उनकी आँखों का नंबर ज़रूरत से ज़्यादा तेज़ी से बढ़ सकता है.
आलसी आँख (Amblyopia): अगर किसी एक आँख का नंबर गलत है और वह आँख ठीक से इस्तेमाल नहीं हो रही है, तो एम्ब्लियोपिया(जिसे आलसी आँख कहते हैं) जैसी गंभीर समस्या हो सकती है.
क्या गलत चश्मे से आँखों का नंबर स्थायी रूप से बिगड़ सकता है?
आमतौर पर, वयस्कों (Adults) में गलत चश्मा लगाने से आँखों का नंबर स्थायी रूप से ख़राब नहीं होता. एक बार जब आप सही चश्मा लगाना शुरू कर देते हैं, तो लक्षण (जैसे सिरदर्द और तनाव) जल्दी ही ठीक हो जाते हैं.
लेकिन, जैसा कि ऊपर बताया गया है, बच्चों की आँखों पर इसका विकास संबंधी (Developmental) नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए उनके लिए सही नंबर का चश्मा पहनना बहुत ज़रूरी है.
अगर आपको नया चश्मा पहनने के बाद एक-दो दिन से ज़्यादा समय तक सिरदर्द, चक्कर, या आँखों में लगातार तनाव महसूस हो रहा है, तो बिना देर किए अपने नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें और अपना नंबर दोबारा चेक करवाएँ.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














