World Pneumonia Day 2021: सर्दियों के आते ही एक मर्ज से बचाव बहुत जरूरी है. ये रोग है निमोनिया. ये शुरुआत में तो आम सर्दी, जुकाम बुखार जैसा ही नजर आता है. पर, बढ़ते बढ़ते इतना गंभीर हो सकता है कि हालात जानलेवा बन जाएं. इसलिए बहुत जरूरी है ये जान लेना बहुत जरूरी है कि आपको हुई आम सर्दी कहीं निमोनिया तो नहीं. इसके लिए सबसे पहले सामान्य सर्दी जुकाम और निमोनिया में अंतर को समझना बहुत जरूरी है. इसके लक्षण और कारणों की जानकारी भी काफी हद तक रोग से बचने में मददगार हो सकती है.
निमोनिया क्या है? | What Is Pneumonia
निमोनिया एक ऐसा लोग है जिसमें एक या दोनों लंग्स में इन्फेक्शन हो सकता है. दोनों फेफड़ों को अपनी जद में लेने के बाद निमोनिया का इंफेक्शन धीरे धीरे इम्यूनिटी को कमजोर करता है. जिसकी वजह से पीड़ित की सेहत दिन पर दिन खराब होती जाती है. ये बैक्टीरियल या फिर वायरल दोनों किस्म का भी हो सकता है. रोग की गंभीर अवस्था में फेफड़ों में पस भी जमा हो सकता है.
निमोनिया के लक्षण | Symptoms Of Pneumonia
निमोनिया में आमतौर पर बुखार और सर्दी जुकाम ही होता है. इसके बावजूद ये समझ पाना आसान है कि ये आम बुखार से काफी अलग है. निमोनिया होने पर सर्दी जुकाम के साथ तेज बुखार होता है जो सामान्य वायरल फीवर से कहीं ज्यादा होता है. हालत बिगड़ने पर ये 105 डिग्री फेरनाइट्स तक हो सकता है.
खांसी होने के भी कई कारण हो सकते हैं. ऐसे में ये अंदाज लगाना भी मुश्किल होता है कि खांसी निमोनिया वाली है या नहीं. अगर खांसी दिन पर दिन बढ़ती जाए. खांसी के साथ आने वाला कफ भी गाढ़ा, हरा या पीले रंग का हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ही बेहतर उपाय है.
खांसी के साथ सीने में तेज दर्द और तेज चलने, सीढ़ी चढ़ने उतरने में थकान होने लगे तो समझिए कि ये निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं.
निमोनिया होने के कारण | Causes Of Pneumonia
निमोनिया कई कारणों से हो सकता है. किसी संक्रमित व्यक्ति के आसपास होने पर या किसी तरह संक्रमण में आने पर निमोनिया का शिकार हो सकते हैं. सर्दी जुकाम को ज्यादा दिन अनदेखा करने पर भी निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए सर्दी होने पर अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान दें. खांसी होने पर ज्यादा स्मोकिंग से भी निमोनिया होने के आसार बढ़ जाते हैं.
निमोनिया से बचाव के उपाय | Preventive Measures Against Pneumonia
निमोनिया से बचने के लिए सबसे पहले ऐसी डाइट लें जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए. खासतौर से सर्दियों में ऐसी डाइट पर ज्यादा फोकस रखें. किसी को संक्रमण होने पर उससे एक निश्चित दूरी बना रखें. जिन्हें निमोनिया हो, वे खुद भी अपने आसपास साफ सफाई रखें. खांसते छींकते वक्त रुमाल का उपयोग जरूर करें.
स्टीम लेने की आदत बना कर रखें ताकि छाती को गर्माहट मिलती रहे. इंफेक्शन लगातार बढ़ता हुआ लगे तो डॉक्टर की सलाह लेने में देर न करें.
निमोनिया की जांच और इलाज | Pneumonia Diagnosis And Treatment
निमोनिया की जांच के लिए डॉक्टर अलग अलग विधि का उपयोग करते हैं. तेज बुखार और सर्दी खांसी के हालात देखकर निमोनिया का अंदाज लगाया जा सकता है. इसके अलावा बलगम की जांच, छाती का एक्सरे जैसे तरीकों से डॉक्टर ये अंदाजा लगाते हैं कि पीड़ित कहीं निमोनिया का शिकार तो नहीं.
निमोनिया के इलाज के लिए भी कई तरह के वैक्सीन मौजूद हैं. डॉक्टर्स उन्हीं के जरिए निमोनिया का इलाज करते हैं. एंटीबायोटिक्स के जरिए भी निमोनिया पर काबू पाया जा सकता है. ज्यादा खराब स्थिति होने पर डॉक्टर मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की सलाह भी देते हैं.
मां-बाप की इस कमी से होता है बच्चे को थैलेसीमिया
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है