World osteoporosis day 2025: धीरे-धीरे खोखली होती हड्डियां, विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर जानिए बचाव के उपाय

World Osteoporosis Day 2025 : ऑस्टियोपोरोसिस कोई मामूली बीमारी नहीं है. यह धीरे-धीरे जीवन की गति को रोक सकती है. यह एक मौका है खुद से सवाल पूछने का - क्या हम अपनी हड्डियों को वह ध्यान दे रहे हैं जिसकी उन्हें ज़रूरत है?

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World Osteoporosis Day के बारे में जानें सबकुछ.

World Osteoporosis Day 2025: हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देना है जो चुपचाप हड्डियों को खोखला कर देती है. यह कोई अचानक होने वाली परेशानी नहीं होती, बल्कि धीरे-धीरे शरीर के अंदर ऐसा बदलाव आता है जिसे हम अक्सर महसूस ही नहीं कर पाते. जब तक कोई हड्डी टूट न जाए, तब तक यह बीमारी सामने नहीं आती.

इस दिन को पहली बार साल 1996 में यूनाइटेड किंगडम की नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी ने शुरू किया था. इसके एक साल बाद 1997 में  इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (IOF)  ने इसे एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बना दिया. आज यह दुनिया भर में मनाया जाता है और इसका मकसद साफ है – हड्डियों की सेहत को लेकर लोगों को समय रहते जागरूक करना.

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस?

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां अपनी ताकत खोने लगती हैं. वे इतनी कमजोर हो जाती हैं कि हल्की सी चोट या ज़ोर लगाने से भी टूट सकती हैं. सबसे आम तौर पर यह परेशानी कमर, कूल्हे और कलाई की हड्डियों में देखी जाती है. यह बीमारी अक्सर बुज़ुर्गों, खासतौर पर महिलाओं में ज़्यादा होती है. लेकिन आजकल कम उम्र के लोगों में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं.

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किसे होता है ज़्यादा खतरा?

कुछ ऐसे कारण हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को बढ़ाते हैं

-उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर होती जाती हैं.
-महिलाओं में यह बीमारी पुरुषों से कहीं ज़्यादा देखी जाती है.
-अगर परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो, तो दूसरों में भी संभावना बढ़ जाती है.
-कैल्शियम और विटामिन डी की कमी.
-ज़्यादा समय तक कोई दवा लेना, जैसे स्टेरॉइड.
-शारीरिक मेहनत की कमी और लंबे समय तक बैठे रहना.
-धूम्रपान और शराब पीने की आदत.

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पहचान और इलाज

ऑस्टियोपोरोसिस की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसका पता अक्सर तब चलता है जब हड्डी टूटती है. लेकिन कुछ संकेत ऐसे हैं जो हमें सावधान कर सकते हैं - जैसे कमर में लगातार दर्द रहना, ऊंचाई में कमी आना या कंधे झुक जाना. हड्डियों की जांच के लिए  Bone Density Test - यानी हड्डियों की मजबूती जांचने वाला टेस्ट किया जाता है. अगर समय रहते यह बीमारी पकड़ में आ जाए, तो इलाज आसान हो सकता है.

इलाज में डॉक्टर कैल्शियम और विटामिन डी की गोलियां दे सकते हैं. साथ ही जीवनशैली में बदलाव भी ज़रूरी होता है. रोज़ाना थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज, धूप में कुछ देर रहना, पौष्टिक खाना और नशे से दूरी - यह सब हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है.

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क्यों ज़रूरी है यह दिन?

-यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हड्डियों की सेहत भी उतनी ही अहम है जितनी दिल या दिमाग की. हम अक्सर शरीर के बाहरी हिस्सों पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन अंदर क्या हो रहा है, यह भूल जाते हैं. अगर हम शुरू से ही अपनी हड्डियों का ध्यान रखें, तो बढ़ती उम्र में आने वाली कई परेशानियों से बच सकते हैं.

ऑफिशियल डेट

हर साल 20 अक्टूबर को  विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस  मनाया जाता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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