World Music Day 2021: म्यूज़िक ही तो है जो हमारी ज़िंदगी में गम हो या खुशी, मस्ती हो या रोमांस, इन सभी पलों का सबसे प्यारा साथी है. संगीत सुनकर कई बार हम थिरकने लगते हैं तो कई बार आंखें नम हो जाती हैं. संगीत से इंसान की एक गहरी दोस्ती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमें तरोताज़ा रखने वाले म्यूज़िक का भी एक खास दिन है, जिसे पूरी दुनिया में वर्ल्ड म्यूज़िक डे (Music Day) के रूप में मनाया जाता है. 21 जून (21 June) को पूरी दुनिया संगीत का जश्न मनाती है. वर्ल्ड म्यूजिक डे पर आइए जानते हैं आखिर कैसे और कहां से शुरू हुआ संगीत का ये सफर.
फ्रांस से शुरू हुआ का ये सफर (World Music Day History)
1982 में पहली बार म्यूज़िक डे मनाया गया और तब से इस खास दिन को मनाने का सिलसिला जारी है. फ्रांस में हुए इस जलसे को 'Fete de la Musique' के नाम से जाना जाता है. फ्रांस में इसी नाम से हर साल म्यूज़िक डे को सेलिब्रेट किया जाता है. इस डे की शुरुआत भले ही फ्रांस से हुई हो लेकिन धीरे-धीरे ये पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा.फ्रांस का लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी तरह संगीत से जुड़ा हुआ है.
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चाहे कोई गाता हो या कोई इंस्ट्रूमेंट बजाता हो, संगीत चाहे देशी हो या विदेशी, वहां के लोगों की संगीत के प्रति इसी दीवानगी को देखते हुए 21 जून साल 1982 को ऑफीशियली वर्ल्ड म्यूज़िक डे की घोषणा हुई थी. 21 जून को फ्रांस में कोई घर पर नहीं टिकता. हर फ्रांसीसी सड़क पर उतर कर या तो कुछ गाने बजाने, थिरकने या फिर सर्फ सुनने के लिए ही बाहर निकल पड़ता है.
World Music Day History: 1982 में पहली बार म्यूज़िक डे मनाया गया और तब से इस खास दिन को मनाने का सिलसिला जारी है.
मानसिक स्वास्थ्य में किस तरह काम करती है म्यूजिक थेरेपी (Benefits of Music Therapy For Mental Health)
कहते हैं संगीत हर मर्ज़ की दवा है. शारीरिक स्वास्थ्य के साथ अगर मानसिक स्वास्थ्य की बात की जाए, तो इसके लिए म्यूज़िक थेरेपी बेहद कारगर उपाय है. इंसान के मस्तिष्क में म्यूज़िक एक असरदार दवा के रूप में काम करती है.
यूनान में मेडिसिन के जनक कहे जाने वाले हिप्पोक्रेटस भी अलग-अलग बीमारियों के लिए म्यूज़िक थेरेपी का ही इस्तेमाल करते थे. किसी भी तरह की परेशानी से उबरने के लिए जब म्यूज़िक का सहारा लिया जाए तो उसे म्यूज़िक थेरेपी कहते हैं.
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म्यूज़िक थेरेपी विभिन्न वाइब्रेशंस की एक सीरीज़ है, जो साउंड क्रिएट करती है. जैसे ही शरीर इन वाइब्रेशंस को ग्रहण करता है, शरीर में सकारात्मक बदलाव होते हैं म्यूज़िक थैरेपिस्ट को इस बात की भलीभांति जानकारी होती है कि किस तरह का संगीत लोगों में भावनात्मक प्रतिक्रियाएं पैदा कर उन्हें सुकून पहुंचाता है.
म्यूज़िक थैरेपिस्ट इंसान की बीमारी के हिसाब से उसे म्यूज़िक थेरेपी देते हैं जो एक रिहेब सेशन के रूप में काम करता है. धीरे-धीरे पता चल जाता है कि इंसान को किस तरह का म्यूज़िक पसंद है जो उसके मेंटल स्टेटस पर पॉजिटिव असर डालता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.