World COPD Day 2024: क्‍या है सांस से जुड़ी सीओपीडी की समस्‍या, जानें इसके कारण, लक्षण, बचाव और इलाज

World COPD Day 2024 : आज के समय में बढ़ते एयर पॉल्युशन और बिगड़ी लाइफ स्टाइल और स्मोकिंग की लत के कारण फेफड़े से जुड़ी समस्या ज्यादा देखने को मिल रही हैं. जिसे सीओपीडी कहा जाता है आखिर क्या है ये समस्या?

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जानिए क्या है सीओपीडी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

World COPD Day 2024 : हमारे शरीर में लंग्स का महत्वपूर्ण स्थान है जो दिन-रात कड़ी मेहनत कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं है. लेकिन खराब दिनचर्या और बढ़ता एयर पॉल्युशन फेफड़ों से जुड़ी कई समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जो क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के रूप में उभर रही है. इसी चिंता को दूर करने के लिए वर्ल्ड सीओपीडी दिवस की शुरुआत की गई थी. आज हम जानेंगे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज क्या है, इसका कारण, निवारण और इस साल World COPD Day की थीम क्या है. 

विश्व सीओपीडी दिवस क्या है?

ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (GOLD) द्वारा आयोजित, विश्व सीओपीडी दिवस हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार, जो इस बार 20 नवंबर 2024 को मनाया जा रहा है. यह एक वर्ल्ड वाइड हेल्थ केयर प्रोग्राम है जिसका मुख्य उद्देश्य सीओपीडी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. जिसमें लोगों के जीवन पर इसका प्रभाव, जल्दी पता लगाने का महत्व, रोकथाम और मेनेजमेंट ऑफ लाइफ अलर्टिंग डिस्ऑर्डर शामिल है. इस पहल में दुनिया भर के हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स, पॉलिसी मेकर और दुनियाभर के ऑर्गेनाइजेशन शामिल होते हैं. जिसमें लोगों को सीओपीडी और सांस से जुड़ी हेल्थ के बारे में अवेयर करने, हेल्दी लाइफ स्टाइल के विकल्पों के लिए अवेयर करने के लिए एक साथ आते हैं.

विश्व सीओपीडी दिवस 2024 की थीम

विश्व सीओपीडी दिवस 2024 की इस बार की थीम है "फेफड़ों के काम को जानें" (Know Your Lung Function) जो स्पिरोमेट्री के महत्व को उजागर करता है. यह एक सिंपल टेस्ट है जो फेफड़ों के काम को मापता है. स्पिरोमेट्री न केवल क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का निदान करने में मदद करती है, बल्कि एक महत्वपूर्ण हेल्थ के रूप में भी काम करती है. 

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सीओपीडी क्या है?

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों की एक सामान्य स्थिति है जो रिस्ट्रिक्टेड एयरफ्लो और सांस लेने में समस्याओं का कारण बनती है. यह तब होता है जब लंग्स के एयर पाथ में सूजन आ जाती है या डैमेज हो जाती है, ये समस्या अक्सर स्मोकिंग करने या एयर पॉल्युशन वाली हवा में सांस लेने से होती है. सीओपीडी वाले लोगों को अक्सर लगातार खांसी, बहुत ज्यादा कफ का बनना जैसी समस्या होने लगती है. इसके अलावा सिंपल काम करने पर भी सांस फूलने लगती है. हालांकि सीओपीडी का कोई इलाज नहीं है, इसके लिए आप लाइफस्टाइल में बदलाव से आसानी से सांस लेने में मदद मिल सकती है जिससे आपकी हेल्थ  में सुधार हो सकता है. 

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सीओपीडी मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं


1. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस : क्रोनिक ब्रोंकाइटिस लंग्स तक एयर ले जाने वाली ब्रोन्कियल नलियों की लंबे समय तक सूजन के कारण होता है. सूजन के कारण अधिक कफ बनता है, जिससे लगातार खांसी होती है और सांस लेने में तकलीफ होती है. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों को अक्सर "गीली" खांसी होती है और वे बार-बार लंग्स इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं.

2. एंफेज़ीमा : एंफेज़ीमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें लंग्स में छोटी एयर थैली (जिसे "एल्वियोली" कहा जाता है), जो ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करती हैं, डैमेज हो जाती हैं. यह स्थिति लंग्स की ऑक्सीजन को एब्सोर्ब करने की कैपेसिटी को कम कर देती है, जिससे सांस फूलने लगती है, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान. इस समस्या से पीड़ित लोगों को आराम करते समय भी सांस लेने में परेशानी हो सकती है.

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सीओपीडी के कारण क्या हैं?

स्मोकिंग: स्मोकिंग सीओपीडी के मुख्य कारणों में से एक है, क्योंकि लंबे समय तक तंबाकू के धुएं के संपर्क में रहने से लंग्स में जलन और डैमेज हो सकते हैं.
एयर पॉल्युशन: प्रदूषित हवा, फैक्ट्री से निकले धुएं, धूल और केमिकल की भाप के लंबे समय तक संपर्क में रहने से सीओपीडी की समस्या हो सकती है, खासकर खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स वाले क्षेत्रों में.
व्यावसायिक खतरे: खदानों, कारखानों और खेतों जैसी जगहों में धूल, केमिकल्स और धुएं के लंबे समय तक संपर्क में रहने से सीओपीडी का खतरा बढ़ सकता है.
रेस्पीरेटरी इंफेक्शन: बचपन में निमोनिया जैसे गंभीर रेस्पीरेटरी इंफेक्शन बाद जीवन में सीओपीडी का खतरा बढ़ा सकते हैं.
उम्र और जेनेटिक: हालांकि ये डायरेक्ट कारण नहीं हैं, उम्र और जेनेटिक कारक भी किसी व्यक्ति के लंग्स की संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकते हैं.

सीओपीडी के लक्षण क्या हैं?

अगर किसी व्यक्ति में इस तरह के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे सीओपीडी हो सकती है. इन लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, घरघराहट या पुरानी खांसी, बहुत कफ का बनना, सीने में जकड़न, थकान, बार-बार ब्रीदिंग इंफेक्शन होना, मेंटल अलर्टनेस से परेशानी, तेजी से दिल धड़कना, पैरों और टखनों में सूजन, वजन घटना, सायनोसिस आदि शामिल हैं.

सीओपीडी को कैसे रोकें?

सीओपीडी से निपटने के लिए कुछ उपाय आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं. जिनमें स्मोकिंग छोड़ना, सेकेंड हैंड स्मोकिंग से बचें, एयर पॉल्युशन के संपर्क को लिमिटेड करें, फेस मास्क का इस्तेमाल करें, विशेषकर धूल, धुएं और हार्मफुल कैमिकल वाली जगहों पर जाने से बचें, इनडोर जगहों पर एयर प्युरीफायर का इस्तेमाल करें, फिजिकली एक्टिव रहें और नियमित व्यायाम करें, हेल्दी फूड खाएं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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