मां बनने के बाद क्यों बढ़ जाता है हाई ब्लड प्रेशर का खतरा? जानें पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन के लक्षण और बचाव के तरीके

Postpartum Hypertension Symptoms: हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर बीमारी है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डिलीवरी के 42 दिन के अंदर होने वाली महिलाओं की मौतों में लगभग 10 प्रतिशत कारण हाई ब्लड प्रेशर होता है. इसलिए इसका समय पर ध्यान और इलाज बहुत जरूरी है.

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Postpartum Hypertension: अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है.

Postpartum Hypertension Symptoms: मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खास और भावनात्मक पल होता है. यह वह एहसास है जिसे शब्दों में पूरी तरह बयां नहीं किया जा सकता. कहा भी जाता है कि जब एक महिला मां बनती है, तो वह खुद भी एक नए रूप में जन्म लेती है. लेकिन, इस नए जीवन के साथ बहुत सी चुनौतियां भी आती हैं. डिलीवरी के बाद महिला का शरीर थका हुआ होता है, उसमें कमजोरी आ जाती है और हार्मोन में बदलाव होता है. मूड स्विंग्स होने लगते हैं. कई महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी देखने को मिलती है. इसे पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन कहा जाता है. अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है. आखिर यह है क्या, यह समस्या होती क्यों है और इसका क्या उपचार है, चलिए आपको बताते हैं.

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पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन क्या है?

पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय मेडिकल सेंटर के मुताबिक, पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन की समस्या लगभग 15 प्रतिशत महिलाओं को हो सकती है. यह समस्या अचानक नहीं होती है. अगर किसी महिला को गर्भावस्था से पहले या गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर रहा है, तो उसे डिलीवरी के बाद भी यह समस्या दोबारा हो सकती है. हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर बीमारी है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डिलीवरी के 42 दिन के अंदर होने वाली महिलाओं की मौतों में लगभग 10 प्रतिशत कारण हाई ब्लड प्रेशर होता है. इसलिए इसका समय पर ध्यान और इलाज बहुत जरूरी है.

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पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन के लक्षण

सीने में दर्द, बेहोशी आना, बहुत तेजी से सांस फूलना, आंखों के सामने धुंध, चमक या धब्बे दिखना, हाथ, पीठ, गर्दन या जबड़े में दर्द, पसीना आना या मिचलाना, सूखी खांसी, दिल की धड़कन तेज होना, अचानक वजन बढ़ना, ज्यादा थकावट होना, तेज सिरदर्द और पैरों या टखनों में सूजन आदि शामिल हैं.

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अगर किसी महिला को डिलीवरी के बाद ये लक्षण हैं, तो उन्हें अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मिलते रहना चाहिए, ताकि ब्लड प्रेशर और बाकी जरूरी जांच की जा सके. दिन में कम से कम एक या दो बार खुद अपना ब्लड प्रेशर चेक करें. डॉक्टर के अनुसार दवाइयां और डाइट लें. सही निगरानी और इलाज से इस समस्या को कंट्रोल में किया जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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