Why Elderly Should Practice Yoga Regularly: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं. 50 साल की उम्र के बाद ये बदलाव और भी साफ हो जाते हैं, जैसे जोड़ों में जकड़न, मांसपेशियों की कमजोरी, हड्डियों का क्षीण होना, मानसिक तनाव और कई अन्य समस्याएं. इन सब चुनौतियों से निपटने में योग एक प्रभावी साधन बन सकता है, जो आजकल काफी पॉपुलर हो गया है. हर कोई हेल्दी लाइफस्टाइल में योग को शामिल करने की सलाह देता है. हालांकि बहुत से लोगों का सवाल है कि क्या योग करने की कोई उम्र होती है या किस उम्र में योग करना ही चाहिए? तो आपको बता दें योग उम्र के लिए है. ये एक हेल्दी प्रैक्टिस है जिसे हर कोई कर सकता है, लेकिन बुढ़ापे में खासकर 50 साल की उम्र के बाद रोज योग करना बहुत जरूरी है, जानें क्यों?
बढ़ती उम्र में योग करने के बेहतरीन फायदे | Amazing Benefits of Doing Yoga In Old Age
1. फ्लेक्सिबिलिटी और ताकत में सुधार
उम्र बढ़ने के साथ शरीर की लचीलापन कम हो जाती है, जिससे जोड़ों में जकड़न और मांसपेशियों में अकड़न होती है. योग नियमित रूप से करने से शरीर के कई हिस्सों में लचीलापन बढ़ता है और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है. 50 साल की उम्र के बाद अगर शरीर लचीला और मजबूत बना रहे, तो यह डेली कार्यों को आसानी से करने में मदद करता है और चोटों से बचाव करता है.
2. जोड़ों को हेल्दी रखने में मददगार
अर्थराइटिस जैसी जोड़ों से संबंधित समस्याएं उम्र बढ़ने के साथ सामान्य हो जाती हैं. योग में कई ऐसे आसन होते हैं, जो जोड़ों के चारों ओर स्थित मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं. इससे जोड़ों की सूजन और दर्द को कम किया जा सकता है.
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3. हार्ट और लंग्स हेल्थ
उम्र बढ़ने पर हार्ट और फेफड़ों का स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है. योग में किए जाने वाले प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाते हैं और ब्लड में ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखते हैं. नियमित योगाभ्यास हृदय की धड़कन को सामान्य रखता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।
4. मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति
50 की उम्र के बाद मानसिक तनाव और चिंता से ग्रस्त होना सामान्य है. इस उम्र में कई लोग जीवन के कई तनावों का सामना करते हैं, जैसे रिटायरमेंट, आर्थिक दबाव या स्वास्थ्य समस्याएं. योग में ध्यान और प्राणायाम की तकनीकें मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं. इससे मेंटल क्लियरिटी, एकाग्रता और सकारात्मक दृष्टिकोण में सुधार होता है.
5. हड्डियों की मजबूती
उम्र बढ़ने के साथ बोन डेंसिटी कम होती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. योग के आसन शरीर के कई हिस्सों पर हल्का दबाव डालते हैं, जिससे बोन डेंसिटी बनाए रखने में मदद मिलती है. इसके साथ ही यह मांसपेशियों को भी सक्रिय रखता है, जो हड्डियों को सहारा देते हैं और उन्हें मजबूत रखते हैं.
6. ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल करना
उम्र के साथ ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं. योग नियमित रूप से करने से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. प्राणायाम और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है, जिससे तनाव से पैदा होने वाली इन समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है.
50 साल की उम्र के बाद शरीर और मन दोनों में बदलाव स्वाभाविक होते हैं, लेकिन योग को अपने रूटीन में शामिल करके इन बदलावों से पैदा होने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सकता है. यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति और स्फूर्ति भी प्रदान करता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)