सर्दियों में एक बात आपने नोटिस की होगी कि तापमान गिरते ही लोगों के मुंह से धुआं निकलने लगता है. अपने बचपन में या आज भी आप अक्सर बच्चों को भाप के साथ आपने एंजॉय करते हुए देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? ये स्कूल के दिनों में साइंस में पढ़ा हुआ एक फैक्ट है जिसे हम सभी ने पढ़ा तो है लेकिन हम ऐसे कई लोग इस बारे में ठीक से जानते नहीं हैं. तो चलिए आपको बताते हैं आखिर क्यों सर्दियों के मौसम में मुंह से धुआं निकलने लगता है. क्या है शरीर से जुड़ा ये फैक्ट.
सर्दियों में मुंह से भाप निकलने का जानें साइंस से जुड़ा फैक्ट
मुंह से भाप क्यों निकलती है?
मानव शरीर का औसत तापमान 18.6 डिग्री फारेनहाइट होता है. सर्दी में सांस छोड़ते हुए उसके साथ वही गर्मी निकलती है. जैसे ही गर्म हवा शरीर को छोड़ कर ठंडे वातावरण में पहुंचती है, ये इवेपोरेट होने लगती है. यही कारण है कि सर्दियों में मुंह से सांस छोड़ते समय भाप निकलती दिखाई देती है. ये पूरा प्रोसेस इतनी जल्दी होता है कि आपको लगता है कि लंग्स का वेपर ही बाहर निकल रहा है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. यही वजह है कि ठंड के मौसम में जब आप अपने हाथों में सांस छोड़ते हैं तो थोड़ी सी नमी महसूस होती है.
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गर्मी में मुँह से भाप क्यों नहीं निकलती?
दरअसल, गर्मियों में बाहर का तापमान शरीर के तापमान से कम नहीं होता. ऐसे में जब शरीर से नमी बाहर आती है तो उसके मॉलिक्यूल की काइनेटिक एनर्जी कम नहीं होती और वो एक दूसरे से दूर रहते हैं. यानी नमी गैसियस स्टेट में बनी रहती है. यही कारण है कि नमी वेपर या पानी की बूंदों में नहीं बदलती. इसलिए गर्मी के मौसम में मुंह से भाप निकलना आप नोटिस नहीं करते.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.