Stages of Menstrual Cycle: मेंस्ट्रुअल साइकिल, जिसे पीरियड्स भी कहते हैं, दरअसल यह महिला के गर्भाशय की परत के नियमित रूप से निकलने की एक प्रक्रिया है. मेंस्ट्रुअल साइकिल में गर्भाशय की परत हर महीने मोटी हो जाती है और अगर प्रेग्नेंसी नहीं होती है, तो यह परत योनि से बाहर निकल जाती है, जिससे ब्लीडिंग होती है. क्या आप जानते हैं कि मेंस्ट्रुअल साइकिल को चार साइकिल में डिवाइड किया जाता है- मेंस्ट्रुअल फेज, फॉलिकुलर फेज, ओव्यूलेशन फेज और ल्यूटियल फेज. हर फेज की लंबाई समय के साथ अलग-अलग और बदल सकती है.
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मेंस्ट्रुअल साइकिल (Menstrual Cycle)
यह मेंस्ट्रुअल साइकिल की पहली स्टेज है, जो पीरियड्स की शुरुआत के साथ शुरू होती है. यह फेज तब शुरू होता है जब पिछली साइकिल से एग फर्टिलाइज नहीं होता. क्योंकि प्रेग्नेंट नहीं हुई है इसलिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल गिर जाता है. आपके गर्भाशय की मोटी परत जो प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करती है, अब उसकी जरूरत नहीं होती है, इसलिए यह आपकी योनि से निकल जाती है. पीरियड्स के दौरान महिलाएं ब्लड, म्यूकस और टिश्यू का एक कॉम्बिनेशन रिलीज करती है.
फॉलिक्यूलर फेज (Follicular Phase)
फॉलिक्युलर फेज आपके पीरियड्स के पहले दिन से शुरू होता है और ओव्यूलेशन तक रहता है. इस दौरान, अंडाशय में एक फॉलिकल डेवलप होता है, जो अंडे को परिपक्व करता है. इस फेज में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है.
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ओव्यूलेशन फेज (Ovulation Phase)
फॉलिक्युलर फेज के दौरान एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ने से आपकी पिट्यूटरी ग्रंथि ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) रिलीज करती है. ओव्यूलेशन तब होता है जब आपका अंडाशय एक मैच्योर ऐग रिलीज करता है. अंडा स्पर्म से फर्टिलाइज होने के लिए फैलोपियन ट्यूब से यूट्रस की ओर जाता है. ओव्यूलेशन फेज आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान वह समय होता है जब आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं.
ल्यूटियल फेज (Luteal Phase)
यह फेज ओव्यूलेशन के बाद शुरू होता है और अगले मेंस्ट्रुअल पीरियड की शुरुआत तक रहता है. इस दौरान, अंडाशय में फॉलिकल कॉर्पस ल्यूटियम में बदल जाता है और मुख्य रूप से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन और कुछ मात्रा में एस्ट्रोजन हार्मोन रिलीज करता है. हार्मोन में बढ़ोतरी गर्भाशय की परत को मोटा रखती है, ताकि फर्टिलाइज हुए अंडे को इम्प्लांट किया जा सके.
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अगर आप गर्भवती हो जाती हैं, तो आपका शरीर ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) हार्मोन प्रोड्यूस करेगा. यह कॉर्पस ल्यूटियम को बनाए रखने में मदद करता है और गर्भाशय की परत को मोटा रखता है. अगर फर्टिलाइजेशन नहीं होता है, तो गर्भाशय की परत निकलने लगती है और मासिक धर्म शुरू हो जाता है.
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