Need me bachh kyun muskurata hai : अक्सर जब कोई छोटा बच्चा नींद में सोता हुआ मुस्कुराता है, तो घर के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि "जरूर यह सपने में परियों को देख रहा है" या "भगवान इसके साथ खेल रहे हैं." यह नजारा दुनिया का सबसे प्यारा नजारा होता है, जिसे देखकर माता-पिता की सारी थकान दूर हो जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे का असली साइंस (Science) क्या है? क्या सच में बच्चे सपने देखते हैं या वजह कुछ और है? चलिए, आज समझते हैं इसके पीछे का साइंस...
क्या यह सिर्फ एक रिफ्लेक्स है
डॉक्टर्स बताते हैं कि जब बच्चा पैदा होता है और कुछ हफ्तों तक नींद में मुस्कुराता है, तो इसे 'नियोनेटल स्माइलिंग' (Neonatal Smiling) कहते हैं. आसान शब्दों में कहें तो यह एक 'रिफ्लेक्स' है. ठीक वैसे ही जैसे अगर बच्चे के हाथ पर कुछ छुओ तो वो मुट्ठी बंद कर लेता है, या पैर चलाने लगता है.
शुरुआत में बच्चे का दिमाग और शरीर बाहरी दुनिया के हिसाब से ढल रहा होता है. ऐसे में नींद के दौरान चेहरे की मांसपेशियां (Muscles) खिंचती हैं और हमें लगता है कि बच्चा मुस्कुरा रहा है. यानी यह मुस्कान अनजाने में होती है, न कि खुशी की वजह से.
कच्ची नींद का कमाल - REM (Rapid Eye Movement) Sleep
बड़ों की तरह बच्चे भी गहरी नींद और कच्ची नींद के साइकल से गुजरते हैं. मेडिकल भाषा में इसे REM (Rapid Eye Movement) स्लीप कहते हैं. आपने देखा होगा कि सोते समय कभी-कभी बच्चे की आंखों की पुतलियां बंद पलकों के नीचे हिलती हैं.
यही वो समय होता है जब बच्चे का दिमाग सबसे ज्यादा तेजी से विकास कर रहा होता है. इस दौरान दिमाग एक्टिव रहता है और चेहरे पर अलग-अलग हाव-भाव आते हैं, जिसमें मुस्कुराना भी शामिल है. यह इस बात का संकेत है कि आपके बच्चे का नर्वस सिस्टम बिल्कुल सही काम कर रहा है और उसका विकास सही हो रहा है.
कब आती है असली हंसी
पैदा होने के करीब 2 से 3 महीने बाद जब बच्चा आपको देखकर या आपकी आवाज सुनकर मुस्कुराता है, तो उसे 'सोशल स्माइल' (Social Smile) कहते हैं. यह मुस्कान भावनाओं और पहचान से जुड़ी होती है.
तो अगली बार जब आपका मुन्ना नींद में मुस्कुराए, तो समझ जाइए कि वह परियों से नहीं मिल रहा, बल्कि उसका नन्हा सा दिमाग बड़ा और होशियार बन रहा है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














