World Lung Cancer Day 2023: क्यों और कब से मनाया जा रहा है वर्ल्ड लंग कैंसर डे? जानें इतिहास और महत्व के साथ सब कुछ

Lung Cancer Day 2023: 19वीं सदी की शुरुआत में फिजिशियन द्वारा पहली बार पहचाने जाने के बाद फेफड़े का कैंसर बहुत लंबे समय तक एक दुर्लभ बीमारी थी. अध्ययनों के अनुसार, लगभग 150 साल पहले 1 से 2 प्रतिशत से भी कम आबादी को यह बीमारी थी और किसी ने इसके बारे में कभी नहीं सुना था.

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Lung Cancer Day 2023: इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को इसके बारे में शिक्षित करना है.
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World Lung Cancer Day 2023: जब हम वर्तमान शताब्दी की बात करते हैं तो स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है. 20वीं सदी की शुरुआत में भी ये असामान्य बीमारी थी, लेकिन अंत तक आते आते यह 25 से ज्यादा देशों में पुरुष कैंसर से संबंधित मौतों का मुख्य कारण बन गया था. 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे घोषित किया गया. फेफड़ों के कैंसर के मामलों को रोकने के प्रयास में दुनियाभर में लोग इस अनोखे दिन को मनाते हैं. इस दिन का टारगेट फेफड़ों के कैंसर के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देना और बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी फैलाना है.

वर्ल्ड लंग कैंसर डे का इतिहास | World Lung Cancer Day History

2012 में फोरम ऑफ इंटरनेशनल रेस्पिरेटरी सोसाइटीज ने इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लंग कैंसर और अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन के साथ मिलकर फेफड़ों के कैंसर और संबंधित समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू किया. फेफड़ों के कैंसर पर विश्व सम्मेलन (WCLC) दुनिया में सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त संगठन है जो मुख्य रूप से फेफड़ों के कैंसर से संबंधित समस्याओं और इसके बारे में जागरूकता फैलाने पर ध्यान केंद्रित करता है.

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बाद में 20वीं सदी की शुरुआत में यह अभी भी असामान्य था, लेकिन अंत तक ये 25 से ज्यादा देशों में पुरुष कैंसर से संबंधित मौतों का मुख्य कारण था. किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह अचानक उछाल कैसे और किस वजह से हुआ.

1930 के दशक में प्रकाशित एक वैज्ञानिक रूप से प्रासंगिक हैंडबुक में हाइपोथिसिस की गई थी कि यह बढ़ोत्तरी वायु प्रदूषण, बढ़े हुए ट्रांसपोर्ट और यहां तक कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान गैसों के बढ़ते जोखिम का सीधा प्रभाव हो सकती है.

धूम्रपान को भी एक कारक माना जाता था, हालांकि इस धारणा पर शोध पर बहुत कम ध्यान दिया गया. 1940 और 1950 के दशक में किए गए शोध के बाद ही लोगों को निकोटीन और तंबाकू के नकारात्मक परिणामों के बारे में पता चला, जब धूम्रपान को फेफड़ों के कैंसर से जोड़ने के ठोस सबूत मिले.

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वर्ल्ड लंग कैंसर डे का महत्व | World Lung Cancer Day Significance

भारत में कैंसर के मामलों की संख्या 2022 में 1.46 मिलियन से बढ़कर 2025 में 1.57 मिलियन हो सकती है. महिलाओं की तुलना में पुरुषों में स्तन कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है. स्मॉल सेल लंग कैंसर और नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर फेफड़ों के कैंसर के दो मुख्य रूप हैं. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर की तुलना में स्मॉल सेल लंग कैंसर बहुत तेजी से फैल सकता है.

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अभियान का टारगेट लोगों को फेफड़ों के कैंसर से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के बारे में शिक्षित करना है. साथ ही लोगों को फेफड़ों के कैंसर के मुख्य कारणों और इसकी निवारक रणनीतियों के बारे में सूचित करना था.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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