ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने काली खांसी से अब तक नौ शिशुओं की मौत की पुष्टि की है. 2023 नवंबर की शुरुआत में ये बीमारी फैलनी शुरू हुई थी. न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि 2024 के पहले पांच महीनों में 7,599 बच्चे और वयस्क इस बीमारी से संक्रमित हुए. यह बीमारी फेफड़ों और श्वास नलियों को प्रभावित करती है और आसानी से फैल जाती है.
यूकेएचएसए ने कहा, "छोटे बच्चों को काली खांसी से गंभीर जटिलताओं और मृत्यु का सबसे अधिक खतरा है." एजेंसी ने बताया कि संक्रमित लोगों में से आधे से ज्यादा 15 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं. तीन महीने से कम आयु के शिशुओं में भी संक्रमण की दर बढ़ रही है. चिकित्सकों की सलाह है कि गर्भवती महिलाओं और शिशुओं का टीकाकरण निश्चित कराया जाए. यूकेएचएसए के अनुसार कमजोर छोटे शिशुओं को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए गर्भावस्था और बचपन में समय पर टीकाकरण जरूरी है.
यूकेएचएसए में टीकाकरण निदेशक मैरी रामसे ने कहा, ''टीकाकरण काली खांसी से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है और यह जरूरी है कि गर्भवती महिलाओं और छोटे शिशुओं को सही समय पर टीके लगाए जाएं.'' बाथ विश्वविद्यालय में मिलनर सेंटर फॉर इवोल्यूशन और जीवन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एंड्रयू प्रेस्टन ने कहा, "हम अब ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जो हमने ब्रिटेन में दस साल से भी अधिक समय से नहीं देखा है.यह पर्टुसिस का वास्तविक प्रकोप है.'' उन्होंने कहा, ''पिछले दस वर्षों में पर्टुसिस (काली खांसी) के विरुद्ध शिशु टीकाकरण के स्तर में गिरावट आई है और हजारों शिशुओं को वे टीके नहीं मिले हैं जो सुरक्षा प्रदान करते हैं.''
प्रेस्टन ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में मातृ टीकाकरण कवरेज में भी उल्लेखनीय कमी आई है, जो ब्रिटेन के कुछ शहरी हिस्सों में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक कम है. प्रेस्टन ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि ऐसा कब तक चलेगा.इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है और ईमानदारी से कहूं तो, मुझे नहीं लगता कि हम जानते हैं कि यह कब स्थिर होगा, लेकिन मुझे लगता है कि इस साल इसमें वृद्धि हो सकती है.
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