हीट स्ट्रोक कब बन सकता है ब्रेन स्ट्रोक का कारण? बढ़ती गर्मी के बीच जान लें Heat Stroke से बचाव के तरीके

Brain Stroke Causes: हीट स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जो ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती है. इसलिए बहुत ज्यादा गर्मी के दौरान सावधानी बरतना और उपाय करना बहुत ज्यादा जरूरी है. सही जानकारी और सतर्कता से हीट स्ट्रोक और उसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है.

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हीट स्ट्रोक के दौरान शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी के कारण ब्लड वेसल्स फैल जाती हैं.

Heat Stroke vs Brain Stroke: हाई टेंपरेचर के बीच चल रही लू से हीट स्ट्रोक का खतरा बना हुआ है. डॉक्टर भी समय समय पर चेतावनी दे रहे हैं कि हीट हीट वेव बढ़ने पर ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. गर्मियों में बहुत जल्दी शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. ऐसे में शरीर का खून गाढ़ा हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आती है. इसलिए गर्मियों में खूब सारा पानी पीने पर जोर दिया जाता है.  हीट स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल कंडिशन है जिसमें शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर की तापमान नियंत्रक प्रणाली विफल हो जाती है. यह स्थिति बहुत ज्यादा गर्मी में लंबे समय तक रहने, कठोर शारीरिक परिश्रम करने या डिहाइड्रेशन के कारण हो सकती है. चरम परिस्थितियों में हीट स्ट्रोक ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है, जो और भी गंभीर और जानलेवा हो सकता है.

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हीट स्ट्रोक क्या है? (What Is Heat Stroke?)

हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या उससे ज्यादा हो जाता है. इसके लक्षणों में अत्यधिक पसीना आना, मांसपेशियों में कमजोरी, चक्कर आना, मतली, उल्टी, और बेहोशी शामिल हैं. समय पर उपचार न होने पर हीट स्ट्रोक के परिणामस्वरूप आंतरिक ऑगर्न फेलियर, कोमा और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है.

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ब्रेन स्ट्रोक क्या है? (What Is Brain Stroke?)

ब्रेन स्ट्रोक एक मेडिकल स्ट्रोक कंडिशन है जिसमें ब्रेन की ब्लड सप्लाई में बाधा आ जाती है. इससे ब्रेन सेल्स मरने लगती हैं, जिससे शरीर के कई भागों में दिव्यांगता, बोलने में कठिनाई और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. ब्रेन स्ट्रोक के दो मुख्य प्रकार होते हैं: इस्कीमिक स्ट्रोक (ब्लड फ्लो की कमी) और हेमोरेजिक स्ट्रोक (ब्लीडिंग).

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हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के बीच संबंध (Relationship between heat stroke and brain stroke)

हीट स्ट्रोक के दौरान शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी के कारण ब्लड वेसल्स फैल जाती हैं और ब्लड प्रेशर गिर सकता है. इस स्थिति में मस्तिष्क में ब्लड फ्लो बाधित हो सकता है, जिससे इस्कीमिक स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है. इसके अलावा, हीट स्ट्रोक के कारण ब्रेन में सूजन हो सकती है, जिससे ब्लीडिंग (हेमोरेजिक स्ट्रोक) का खतरा बढ़ सकता है.

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चरम परिस्थितियों में हीट स्ट्रोक मस्तिष्क की ब्लड वेसल्स को डैमेज कर सकता है, जिससे ब्लीडिंग और स्ट्रोक की स्थिति पैदा हो सकती है. इसके अलावा, हीट स्ट्रोक के कारण ब्लड क्लॉटिंग बनने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे इस्कीमिक स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है.

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ब्रेन स्ट्रोक से बचाव और रोकथाम (Brain stroke prevention)

हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक दोनों ही गंभीर मेडिकल कंडिशन हैं जिनसे बचाव करना बहुत जरूरी है. कुछ उपाय अपनाकर हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है:

पानी का सेवन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें और हाइड्रेटेड रहें.
सूरज की सीधी रोशनी से बचें: बहुत ज्यादा गर्मी के समय सूरज की सीधी रोशनी से बचें और छाया में रहें.
हल्के कपड़े पहनें: हल्के और ढीले कपड़े पहनें जिससे शरीर को ठंडा रखने में मदद मिले.
आराम करें: अत्यधिक गर्मी में कठोर शारीरिक गतिविधि करने से बचें और समय-समय पर आराम करें.
शीतल वातावरण में रहें: अगर संभव हो तो एयर कंडीशनर या कूलर वाले स्थान पर रहें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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