क्या है Jock Itch, कैसे करें इससे बचाव, यहां जानें इलाज और सावधानियां

Jock Itch: जॉक इच बीमारी नमी वाले मौसम में ज्यादा होती है. इसे टिनिया क्रूरिस भी कहा जाता है. जिन लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है या जिनका वजन अधिक होता है, उन्हें इसके होने की संभावना अधिक होती है.

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'जॉक इच' एक फंगल इंफेक्शन है जो शरीर के गर्म और नम क्षेत्रों में लाल और खुजली वाले दानों का कारण बनता है. दानें अक्सर कमर और भीतरी जांघों को प्रभावित करते हैं. ये अंगूठी के आकार का हो सकता है. ये बीमारी नमी वाले मौसम में ज्यादा होती है. इसे टिनिया क्रूरिस भी कहा जाता है. जिन लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है या जिनका वजन अधिक होता है, उन्हें इसके होने की संभावना अधिक होती है. ये समस्या एथलीटों में आम है, क्योंकि उन्हें पसीने का सामना ज्यादा और लंबे समय तक करना पड़ता है. इसलिए इसका नाम जॉक इच पड़ा. जॉक इच में प्रभावित जगह पर तेज खुजली होती है. आमतौर पर यह गंभीर नहीं होती.

 जॉक इच के लक्षण- Symptoms Of Jock Itch:
जॉक इच के लक्षणों आमतौर पर फंगस के संपर्क में आने के 4 से 14 दिनों के बीच दिखाई देते हैं. जॉक इच की शुरुआत त्वचा पर हल्के दाने और खुजली के साथ होती है. जहां ये दाने और खुजली होती है वहां त्वचा का रंग भी लाल हो जाता है. इलाज नहीं कराने पर ये बढ़ता जाता है और एक रिंग की तरह आकार बन बन जाता है. ये संक्रमण जननांग से जांघ के ऊपरी हिस्से की तरफ ज्यादा होता है. 

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इससे बचने के तरीके-Easy Ways To Avoid It:
1.हाथ नियमित रूप से धोएं: यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब आप अन्य लोगों को छूते हैं या अपने हाथों से खाने वाले होते हैं.
2. शरीर के नम क्षेत्रों को साफ और सूखा रखें: यह आपके कमर और ऊपरी जांघों के आसपास के क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
3. नहाना: नहाने के लिए जेंटल और अनसेंटेड सोप का इस्तेमाल करें. बहुत ज्यादा पसीना आता है तो कम से कम दो बार नहाएं.
4. टाइट कपड़े न पहनें: टाइट कपड़े पहनने से ज्यादा पसीना आ सकता है. इससे नमी पैदा होगी और इंफेक्शन का खतरा बढ़ेगा.
5. ढीले-ढाले सूती अंडरवियर पहनें: इससे आपकी कमर और जांघों तक हवा पहुंचती रहेगी. खासकर यदि आप आर्द्र जलवायु में रहते हैं तो ये बहुत जरूरी है.
6. कसरत के बाद पसीने से भीगे कपड़ों को अच्छे से धो लें. उपकरणों को भी अच्छे से साफ कर ले.
7. एथलीट फुट है तो अपने पैरों और अपने शरीर के अन्य क्षेत्रों को साफ करने के लिए एक ही तौलिया का प्रयोग न करें.

इसका इलाज-
इसके उपचार में ग्रोइन क्षेत्र को साफ और सूखा रखना और प्रभावित त्वचा पर एंटीफंगल दवाएं लगाना शामिल होता है. अगर जौक इच का इंफेक्शन ज्यादा ना बढ़ा हो तो, डॉक्टर एंटी-फंगल दवाइयां जैसे क्रीम, लोशन, स्प्रे या पाउडर लगाने के लिए देते हैं. इस इलाज से खुजली और चकत्ता एकदम से ठीक हो सकता है. लेकिन इसके ठीक होने के 1-2 हफ्ते बाद तक भी दवा का इस्तेमाल जारी रखें. ऐसा नहीं करने पर जॉक इच की परेशानी पूरी तरह से खत्म नहीं होगी और दोबारा उभर जाएगी. अगर इस इलाज से भी जौक इच ठीक ना हो तो डॉक्टर मरीज को एंटी-फंगल टैबलेट्स देते हैं. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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