सोरायसिस कोई एलर्जी नहीं, बल्कि इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी, जानें राहत पाने के आयुर्वेदिक उपाय

Psoriasis: त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, जलन और परतें झड़ना सोरायसिस के लक्षण हैं. यहां जानिए इस त्वचा रोग के कारण और राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय.

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Psoriasis: यह एक स्किन डिजीज है.

Skin Disease: सोरायसिस एक त्वचा रोग है, जो आजकल तेजी से बढ़ता जा रहा है. यह रोग केवल त्वचा की समस्या नहीं बल्कि एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही त्वचा की कोशिकाओं पर हमला करने लगती है. इसके कारण स्किन सेल्स सामान्य से लगभग दस गुना तेजी से बनने लगती हैं, जिससे त्वचा पर लाल धब्बे, मोटी परतें और खुजली जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं. इसे अक्सर लोग सामान्य एलर्जी या खुजली समझकर अनदेखा कर देते हैं, जबकि यह स्थिति समय रहते उपचार न करने पर गंभीर रूप ले सकती है.

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सोरायसिस के कारण (Causes of Psoriasis)

वंशानुगत प्रवृत्ति यानी परिवार में किसी को यह रोग हो तो अगली पीढ़ी में इसका खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी, तनाव, संक्रमण, ठंड, धूम्रपान, बहुत ज्यादा शराब सेवन और बैलेंस डाइट इसके प्रमुख कारणों में शामिल हैं.

सोरायसिस के लक्षण (Symptoms of Psoriasis)

त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, जलन और परतें झड़ना शामिल हैं. कई बार ये सफेद या चांदी जैसी दिखाई देती हैं और सिर की त्वचा, कोहनी, घुटनों, पीठ या अन्य हिस्सों पर हो सकती हैं. गंभीर अवस्था में यह जोड़ों तक को प्रभावित कर सकता है, जिसे सोरियाटिक गठिया कहा जाता है.

सोरायसिस से जुड़ा सबसे बड़ा भ्रम

इस रोग के बारे में सबसे बड़ा भ्रम यह है कि ये एक संक्रामक रोग है, जबकि यह बिल्कुल संक्रामक नहीं होता, यह छूने से नहीं फैलता. यह रोग सर्दियों में ज्यादा बढ़ता है और गर्मियों में कुछ हद तक कम हो जाता है. लंबे समय तक रहने पर यह तनाव, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है. शोध बताते हैं कि सोरायसिस के मरीजों में हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है.

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सोरायसिस को कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेद में इस रोग को कंट्रोल करने के लिए कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं. हल्दी का सेवन काफी लाभकारी है, क्योंकि इसमें मौजूद कर्क्यूमिन सूजन और लालिमा को कम करता है. एलोवेरा जेल लगाने से त्वचा को ठंडक मिलती है और खुजली घटती है. नीम की पत्तियां शरीर को डिटॉक्स करती हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं.

इसके अलावा, सरसों का तेल और नारियल तेल लगाने से त्वचा की नमी बरकरार रहती है और परतें मुलायम होती हैं. त्रिफला चूर्ण रात को गुनगुने पानी के साथ लेने से खून साफ होता है. स्नान के पानी में नीम या अजवाइन डालकर नहाने से खुजली और सूजन में राहत मिलती है.

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इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपनी लाइफस्टाइल में संतुलन रखना जरूरी है. तनाव से बचना, नियमित रूप से योग और ध्यान करना, ठंडी और शुष्क हवा से बचाव, बैलेंस डाइट लेना और धूम्रपान व शराब से दूर रहना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही त्वचा को हमेशा मॉइस्चराइज रखें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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