फोटो और वीडियो ही नहीं, अब जन्म से पहले बच्चे भी हो सकते हैं 'एडिट', जानिए क्या होता है Preimplantation Genetics

Preimplantation genetics: अब आप चाहें तो जन्म से पहले ही अपने बच्चों को जैनेटिक बीमारियों से दूर कर सकते हैं. इस तकनीक को कहते हैं Preimplantation genetics. जानिए ये क्या प्रोसेस है, और कैसे बन सकती है मददगार.

Advertisement
Read Time: 3 mins
क्या होता है PGT-M?

Preimplantation Genetic: आपने अक्सर ये सुना होगा कि कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो माता या पिता से बच्चों को विरासत में मिलती हैं. सिर्फ बीमारियां ही क्यों माता पिता से बच्चों को बालों का रंग, आंखों की लैंस का रंग, चेहरे के नैन नक्श, हाइट जैसी कई चीजें विरासत में ही मिलती हैं. लेकिन अब माता पिता चाहें तो अपने बच्चों को अनुवांशिक बीमारियों से काफी हद तक बचा भी सकते हैं. न सिर्फ अपनी आने वाली पीढ़ी बल्कि उसके बाद की नस्लों को भी हेरेडिटरी डिजीजेस (genetic abnormalities) के खतरे से बचाया जा सकता है. ये संभव हो सकता है प्रीइंप्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग के जरिए. इस तकनीक की मदद से माता के लिए एक हेल्दी बेबी (Healthy Baby) को जन्म देना पहले से ज्यादा आसान हो गया है.

क्या है प्रीइंप्लांटेशन जैनेटिक्स? | What Is Preimplantation Genetics?

इस तकनीक को पहले प्रीइंप्लांटेशन जैनेटिक्स डायग्नोसिस के नाम से जाना जाता था. जिसके तहत किसी जैनेटिक डिसऑर्डर या क्रोमोसॉमल डिसऑर्डर को जानने के लिए भ्रूण की जांच की जा सकती है. ये प्रक्रिया उन माता पिता के साथ होती है जो आईवीएफ के जरिए संतान हासिल करते हैं. इस टेस्ट में भ्रूण को महिला के यूटरस में ट्रांसफर करने से पहले अच्छे से जांचा जाता है. इस टेस्ट से माता पिता ये जान सकते हैं कि उनकी होने वाली संतान पर किस जैनेटिक डिजीज या क्रोमोसोमल कंडीशन का खतरा है और तब ही सही फैसला लेकर अपने बच्चे पर से वो खतरा टाल सकते हैं.

क्या होता है PGT-M?

Preimplantation genetics प्रक्रिया तीन तरह से की जाती है. जिसमें से एक होती है PGT-A, दूसरी होती है PGT-M और तीसरी होती है PGT-SR. इन तीनों में से पीजीटी एम में ऐसी बीमारियों की जांच होती है जो किसी सिंगल जीन से होने की आशंका होती हैं. जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, स्पाइनल मस्कूलर एस्ट्रोफी, थैलेसीमिया या सिकल सेल अनीमिया. मेटाबॉलिज्म से जुड़ी कुछ बीमारियों की जांच भी इससे संभव है. पीजीटी एम में नॉर्मल पाए जाने वाले भ्रूण के लिए ये माना जा सकता है कि वो बहुत हद तक इन बीमारियों के खतरे से दूर हो चुका है.

Advertisement

कितना फायदेमंद होगा Preimplantation Genetics?

इस प्रक्रिया को कराने से पहले बहुत से फैक्टर्स को समझना जरूरी है. जिसमें मेडिकल, इमोशनल, मोरल और फाइनेंशियल पहलू शामिल हैं. कोई भी परिवार बिना पीजीटी करवाए भी हेल्दी बेबी हासिल कर सकता है. लेकिन पीजीटी के बाद इसकी संभावना ज्यादा हो सकती है.

Advertisement

किशोरियों के लिए 5 योग आसन | Yoga For Teenage Girls

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Hathras Stampede: बिखरीं लाशें, हर तरफ चीख-पुकार, दर्दनाक मौतों का जिम्मेदार कौन?