World Malaria Day: मौसम बदलने के साथ ही इन दिनों मच्छरों का आतंक बढ़ गया है. इसके साथ ही मच्छरों से होने वाली बीमारियों की आशंका भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में न सिर्फ हमें सावधान रहने की जरूरत है, बल्कि आसपास की जगह को काफी साफ भी रखना होगा. इन सबसे ज्यादा जरूरी बात यह है कि हमें मलेरिया के बारे में खुद को पूरी तरह अपडेट और नजदीकी लोगों को जागरूक करना होगा. आइए, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं. मेडिकल एक्सपर्ट से मलेरिया के कारण, उसके लक्षण, जरूरी जांच, बचाव के तरीके और इलाज के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानते हैं.
मलेरिया क्या है और क्यों होता है? (What is malaria?)
मलेरिया एक गंभीर, कभी-कभी जानलेवा और संक्रामक बीमारी है. यह परजीवी (पैरासाइट्स) के कारण होता है. इसका मतलब है कि मलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है. यह बीमारी दुनिया भर में बड़े पैमाने पर चिंता का विषय है. दरअसल, एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ साल 2021 में 247 मिलियन लोग मलेरिया की चपेट में आ गए. वहीं, इस खतरनाक बीमारी के चलते 6 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई.
Read: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस, जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और इस साल की थीम
मलेरिया फैलाने वाले मच्छर आमतौर पर भूमध्य रेखा के आसपास उष्णकटिबंधीय वातावरण में पाए जाते हैं. इसमें मध्य अमेरिका, उप-सहारा अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्से शामिल हैं. हालांकि, अमेरिका में हर साल मलेरिया के लगभग 2,000 मामले ही सामने आते हैं. इनमें से ज्यादातर उष्णकटिबंधीय इलाकों की यात्रा के कारण होते हैं.
मलेरिया के लक्षण क्या हैं
मलेरिया से पीड़ित होने वाले ज्यादातर लोगों को तेज बुखार और दूसरे फ्लू जैसे लक्षण अनुभव होते हैं. लक्षणों का जितनी जल्दी हो सके इलाज करना जरूरी है. क्योंकि स्थिति तेजी से गंभीर हो सकती है और जटिलताओं के चलते जान जाने का खतरा भी हो सकता है. डॉक्टर्स के मुताबिक, मलेरिया के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं. अधिकतर लोगों को बीमारी के संपर्क में आने के 10 से 15 दिनों के बीच लक्षणों का पता चलता है. अगर आपको मलेरिया हो तो फ्लू जैसे लक्षणों के अलावा बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, जी मिचलाने,उल्टी और दस्त जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
Read: किडनी पर बुरा असर कर सकता है मलेरिया, जानें कैसे बचें
समय पर इलाज नहीं मिला तो आपकी हालत ज्यादा खराब हो सकती है. ऐसी सूरत में मलेरिया के गंभीर लक्षण सामने आते हैं. इनमें अत्यधिक थकान, वहम के दौरे, बेहोशी, सांस लेने में दिक्क्त, ब्लीडिंग, गहरे रंग का या खून मिला पेशाब आना और पीलिया यानी आंखें और स्किन का पीला पड़ने जैसी दिक्कतें शामिल हैं. ऐसी हालत में मरीज को फौरन नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाने की नौबत आ जाती है.
मलेरिया होने के कारण
मलेरिया का सबसे बड़ा कारण मच्छर हैं. मच्छर के काटने से उसके पैरासाइट्स की वजह से होने वाला संक्रमण ही मलेरिया को फैलाता है. मच्छर के काटने के बाद परजीवी शरीर की रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है. जिससे आदमी बीमार हो जाता है. मलेरिया किसी को भी प्रभावित कर सकता है. हालांकि, छोटे बच्चे, गर्भवती महिला, एचआईवी/एड्स से पीड़ित मरीज, मेडिकल सुविधाओं से वंचित समूह इसके आसान शिकार हो सकते हैं.
मलेरिया से बचाव के तरीके और इलाज
अगर आपको लगता है कि आप मलेरिया के संक्रमण के शिकार हो गए हैं. आप इसके लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो जल्द से जल्द मेडिकल प्रोफेशनल्स के पास जाएं. जरूरी जांच करवाएं और दवाइयों के साथ प्रॉपर देखभाल शुरू करें ताकि बीमारी आगे न बढ़ सके. डॉक्टर आपकी मेडिकल और ट्रैवल हिस्ट्री के बाद फिजिकल जांच कर आपकी स्थिति की गंभीरता की पहचान करते हैं. इसके बाद जरूरी हो तो ब्लड टेस्ट करवाकर दवाइयां दे सकते हैं. बहुत कम मौकों पर डॉक्टर इंजेक्शन भी लगा सकते हैं.
इसके अलावा मलेरिया से बचने के लिए बच्चों को मॉस्किरिक्स (मलेरिया के लिए RSS,S/ASO1 वैक्सीन) का टीका लगवाएं. ज्यादा मच्छर वाली जगहों पर जाने से बचें या सुरक्षा उपायों के साथ जाएं. सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, अपने हाथ और पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनें, खिड़कियां और दरवाजे को जाली से कवर करें.
Arvind Kejriwal के Tihar में आम खाने का विवाद, जानिए क्या Mango बढ़ाता है Sugar | Sawaal India Ka
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)