Hernia Symptoms And Treatment: हर्निया को लेकर लोगों में बहुत कम जागरूकता होत होती है. कई लोगों को पता नहीं होता है कि हर्निया क्या होता है? (What Is Hernia) हर्निया एक बहुत ही आम समस्या है, लेकिन कई लोग हर्निया के कारण (Cause Of Hernia) और लक्षणों को समझने में देर कर देते हैं. कई बार आपने लोगों को कहते सुना होगा कि उनका हर्निया का ऑपरेशन हुआ है, क्योंकि हर्निया का इलाज (Treatment Of Hernia) सिर्फ ऑपरेशन ही है. हर्निया की समस्या तब उत्त्पन्न होती है जब पेट में से कोई अंग या मांसपेशी या ऊतक किसी छेद की सहायता से बाहर आने लगता है. उदाहरण के लिए, बहुत बार आंत, पेट की कमजोर दीवार में छेद करके बाहर आ जाती हैं. पेट में हर्निया होना सबसे आम हैं, लेकिन यह जांघ के ऊपरी हिस्से, बीच पेट में और ग्रोइन क्षेत्रों (पेट और जांघ के बीच का भाग) में भी हो सकता है. यह समस्या स्त्री या पुरुष, किसी को भी हो सकती है. जब इंसान के पेट की मसल कमजोर हो जाती है या कोई डिफेक्ट पैदा हो सकता है तब हर्निया की समस्या हो सकती है. ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप हर्निया के लक्षणों (Symptoms Of Hernia) को पहचानें.
आज भी लोग ऐसी स्थिति को नजरअंदाज कर देते हैं और यह समस्या बाद में कापी बढ़ जाती है. हर्निया से जुड़े कई सवाल हैं जो लोगों के मन में उठते हैं कि हर्निया की बीमारी का इलाज क्या है? हर्निया कैसे और क्यों होता है? (How And Why Does Hernia Occur) ऐसे ही कई सवालों का जवाब जानने के लिए अनिता शर्मा ने डॉ. अरुण प्रसाद (वरिष्ठ सलाहकार, जनरल, जीआई और बैरिएट्रिक सर्जन, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली) से बात की. एनडीटीवी सेहत वेहत को लाइक और सब्सक्राइब करें.
डॉक्टर से जानें हर्निया की बीमारी से जुड़े तमाम सवालों के जवाब
प्रश्न 1. हर्निया क्या है?
हर्निया में पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है.
उनमें छेद हो जाता है या गैप आ जाता है.
इससे आपकी आंते बाहर निकलने की कोशिश करती हैं या निकल जाती हैं.
प्रश्न 2. हर्निया के लक्षण क्या होते हैं?
हर्निया की बीमारी में पेट के साइड या नीचे सूजन हो सकती है.
कोई भी सूजन अगर ऐसी दिखे तो यह हर्निया का संकेत हो सकता है.
अगर आप खांस रहे हैं और इस दौरान सूजन दिखे तो भी हर्निया को पहचाना जा सकता है.
अगर सूजन लेटने पर अंदर हो जाती है तो यह भी हर्निया का एक संकेत है.
प्रश्न 3. हर्निया के कारण क्या हैं?
हर्निया होने की कई वजह हैं. ये बच्चों में बचपन से भी हो सकती है.
तेजी से वजन बढ़ने से भी हर्निया हो सकता है.
हर्निया आनुवांशिक भी हो सकता है.
प्रश्न 4. बच्चों में क्यों होता है?
बच्चों में हर्निया जन्मजात भी हो सकता है.
इसको हील करने के लिए बच्चों की भी सर्जरी की जाती है.
प्रश्न 5. किस उम्र के लोगों को हर्निया का ज्यादा खतरा रहता है?
हर्निया किसी को भी हो सकता है इसका उम्र से कोई लेना देना नहीं है.
हालांकि इसके इलाज को उम्र काफी प्रभावित कर सकती है. हर उम्र में रिस्क अलग-अलग होते हैं.
प्रश्न 6. हर्निया का इलाज क्या है?
हर्निया की बीमारी का इलाज सिर्फ सर्जरी ही है.
आपको जब भी लक्षण दिखें आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
डॉक्टर ही आपको बता पाएंगे की ऑपरेशन कितनी जल्दी करने की जरूरत है.
प्रश्न 7. हर्निया को बिना इलाज के छोड़ने पर क्या होगा?
हर्निया को नजरअंदाज करने पर हो सकता है आपको 20 से 30 साल तक कुछ न हो या सकता है कि आपकी आंत कभी भी उसमें उलझ जाए. ये कुछ ऐसा है कि होने को एक रात में भी हो सकता है और न हो तो सालों तक भी कुछ न हो.
प्रश्न 8. क्या जरूरी है कि हर्निया का इलाज सर्जरी से ही किया जाए, क्या दवाएं लेकर इसे ठीक नहीं किया जा सकता है?
आपकी मांसपेशियां जो खराब हो चुकी होती है उनको दुबारा नहीं बनाया जा सकता है.
हां ये हो सकता है कि जो छेद हो गया है उसके ऊपर पैच लगा सकते हैं और ये सिर्फ सर्जरी से ही हो सकता है.
हर्निया की कोई दवा नहीं है.
सर्जरी किसको चाहिए, कब चाहिए ये आपको डॉक्टर ही आपको बता पाएंगे.
प्रश्न 9. एक बार हर्निया की सर्जरी होने के बाद क्या दुबार यह समस्या हो सकती है?
जी हां, हर्निया की सर्जरी के बाद भी वहां पर हर्निया हो सकता है.
हर्निया वाली जगह पर जाली छोटी लग लगने या हर्निया को पूरा कवर न करें पर यह दुबारा हो सकता है.
सर्जरी के दौरान गैप छूटने पर यह धीरे-धीरे बढ़ सकता है.
गांरटी नहीं है कि पेट के साइड हर्निया हुआ तो दूसरी साइड नहीं ही होगा.
प्रश्न 10. हर्निया शरीर के किन अंगों में हो सकता है?
हर्निया पेट में हो सकता है.
यह बीमारी जांघों के पास हो सकती है.
पहले शरीर में कहीं ऑपरेशन हुआ हो तो वहां पर भी हर्निया हो सकता है.
प्रश्न 11. हर्निया से कैसे बचाव किया जा सकता है?
मसल्स को मजबूत करने से आप हर्निया से बच सकते हैं.
इसके लिए आप अपने न्यूट्रीशन का ध्यान रख सकते है.
वजन को कंट्रोल में रखने से इससे बचाव किया जा सकता है.
डॉ. अरुण प्रसाद (वरिष्ठ सलाहकार, जनरल, जीआई और बैरिएट्रिक सर्जन, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली)