Genome Analysis: कोरोना वायरस के आने के बाद से दुनिया भर में बैक्टीरिया और वायरस के खतरे को लेकर बहस तेज हुई है. जिस तरह से कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा, उसके बाद से निकट भविष्य में इस तरह के खतरे से कैसे निपटा जाए, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कवायद में से एक है जीनोम एनालिसिस. पिछले कुछ समय में इसे लेकर जागरुकता बढ़ी है. इस लेख में विस्तार से जानें क्या है जीनोम एनालिसिस, और यह कराना क्यों जरूरी है. इसे कराने से आपको स्वास्थ्य को लेकर क्या लाभ हो सकते हैं.
जीनोम एनालिसिस क्या है (What is Genome Analysis)
यह एक पीसीआर टेस्ट होता है. इस टेस्ट के माध्यम से वायरस, बैक्टीरिया, फंगस आदि पैथोजन्स की आसानी से पहचान की जा सकती है. उनके बारे में ज्यादा सटीक जानकारी हासिल कर मरीज का बेहतर इलाज संभव हो पाता है.
साथ ही ये भी देखा जाता है कि वायरस, बैक्टीरिया आदि का आकार, प्रकार यानी संरचना कैसी है और वे कैसे बदल रहे हैं. यह टेस्ट उन मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है, जिन्हें एक साथ अनेक तरह के संक्रमण हैं.
जीनोम एनालिसिस के फायदे (Genome Analysis Test Benefits)
इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर संक्रमण की गंभीरता की सटीक पहचान कर पाते हैं और ये समझ पाते हैं कि किन दवाओं का बेहतर असर मरीज पर हो सकता है. डॉक्टर्स इस टेस्ट के माध्यम से एंटीबायोटिक दवाओं का सही चयन कर पाते हैं. इस टेस्ट के माध्यम से यह देखा जाता है कि पैथोजन की संरचना बदल रही है या नहीं और इसके लिए किस तरह की असरदार दवाएं व वैक्सीन बनाई जा सकती है.
अगर कोई वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है यानी उसके वैरिएंट बन रहे हैं तो इस टेस्ट के माध्यम से उनकी पहचान कर दवाओं में बदलाव सुनिश्चित किए जाते हैं.
कोरोना वायरस के समय में इस तरह के टेस्ट के माध्यम से ही डॉक्टर्स कई मरीजों की जान बचाने में कामयाब हो सके थे. इसके माध्यम से यह पता चला कि किस तरह के संक्रमण के लिए मरीज का शरीर कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है. साथ ही संक्रमण कितनी तेजी से शरीर में फैल रहा है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)