Dry Drunk: हम सभी जानते हैं कि शराब का सेवन शरीर के लिए हानिकारक है. ऐसे में कई लोग शराब छोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन न चाहते हुए भी ऐसे सिंड्रोम के शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान होता है. जी हां हम यहां आपको "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं इसके लक्षण के बारे में, साथ ही जानेंगे किन्हें होता है इसका सबसे ज्यादा खतरा. आपको बता दें कि जाने-माने सिंगर हनी सिंह भी एक समय पर इस नशे के शिकार थे, जिसका असर उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में पड़ा था. हाल ही में NDTV के साथ हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी इस लत के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि कैसे सूखे नशे ने उनको बर्बाद कर दिया था और उन्होंने आज की जनरेशन को इस लत से दूर रहने को कहा.
जानें क्या होता है "ड्राई ड्रंक" | What Is A Dry Drunk?
सबसे पहले आपको बता दें, "ड्राई ड्रंक" उस व्यक्ति को कहा जाता है, जो शराब पीना तो छोड़ देता है, लेकिन उसमें शराबी के लक्षण दिखाई देते हैं. जी हां, पीने के दौरान जैसे शराबी गलत व्यवहार करते हैं, उल्टा - सीधा बोलते हैं और लड़खड़ाते हुए चलते हैं, ठीक वैसे ही "ड्राई ड्रंक" सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति भी यही हरकतें करते हैं. जिसका मतलब यह है कि "ड्राई ड्रंक" सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति ने रोजमर्रा की जिंदगी में शराब पीना तो बंद कर दिया, लेकिन मानसिक रूप से वह शराब से पीछा नहीं छुड़ा पाया है.
ये हैं ड्राई ड्रंक सिंड्रोम के लक्षण | Symptoms of dry drunk syndrome
अगर कोई व्यक्ति शराब पीना छोड़ देता है, तो जरूरी नहीं कि वह शराबी की तरह हरकतें करना भी छोड़ दें. ऐसे में व्यक्ति "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" से पीड़ित होते हैं. आइए जानते हैं, इस सिंड्रोम के लक्षण.
नकारात्मक व्यवहार: "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" से पीड़ित व्यक्ति का व्यवहार ज्यादातर समय नकारात्मक होगा. यही नहीं वह चिड़चिड़ा, क्रोधित नजर आएगा और समय - समय पर उसका मूड भी बदलता रहेगा.
सोशल आइसोलेशन: "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" से पीड़ित व्यक्ति ज्यादातर समय अपने आप में रहेगा और दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से बातचीत करना बंद कर देगा. कहीं नहीं कहीं उसे दूसरों के साथ घुलने- मिलने में परेशानी होगी.
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बेचैनी होना: जिस व्यक्ति को "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" है, वह कई बार खुद को असहाय महसूस कर सकता है. उसे बैचेनी हो सकती है और वह ठीक से सो नहीं पाता है.
किसी की न सुनना: "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" से पीड़ित व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की सलाह या गाइडेंस को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते हैं.
शराब पीने की कोशिश करना: "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" से पीड़ित व्यक्ति मानसिक रूप से शराब पीना नहीं छोड़ते हैं, ऐसे में वह उन स्थानों पर भी वापस जा सकते हैं, जहां कभी बैठकर शराब पीते थे.
आपको बता दें, "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम" के लक्षण शारीरिक हो सकते हैं और अक्सर पोस्ट-एक्यूट विड्रॉल सिंड्रोम (PAWS) का हिस्सा होते हैं, जो कई महीनों तक रह सकता है. ऐसे में दिमाग और और शरीर को शराब न पीने के लिए पूरी तरह से समझने में समय लग सकता है. जिसकी वजह से इस दौरान व्यक्ति शराब से परहेज करने के बावजूद भी नशे में दिखता है.
जानें- क्यों होता है "ड्राई ड्रंक सिंड्रोम", क्या है इसके पीछे की साइकोलॉजी |Why "dry drunk syndrome" occurs and the psychology behind it
सबसे पहले आपको बता दें, ड्राई ड्रंक सिंड्रोम किसी भी ऐसे व्यक्ति को हो सकता है जिसे अल्कोहल यूज डिसऑर्डर (AUD) है और जो शराब पीना तो बंद कर देता है, लेकिन लॉन्ग टर्म रिकवरी के लिए उचित कदम नहीं उठाता. कुछ लोगों में ड्राई ड्रंक सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है.
ड्राई ड्रंक सिंड्रोम का किन्हें हो सकता है सबसे ज्यादा खतरा? | Risks of developing dry drunk syndrome
जो कोई भी अचानक शराब पीना छोड़ देता है और अल्कोहल यूज डिसऑर्डर (AUD) का इलाज नहीं करवाना चाहता, उसे ड्राई ड्रंक सिंड्रोम होने का खतरा अधिक हो सकता है. ऐसे में थेरेपी कराना जरूरी है, क्योंकि उसके जरिए ही व्यक्ति को पता चलता है कि उसे लत क्यों लगी, लत के दोबारा होने के क्या कारण हैं और इससे निकलने के क्या तरीके हैं.
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