कोविड-19 ने दुनिया के सामने अभूतपूर्व चुनौतियां पेश कीं और हजारों लोगों की जान ली. 2019 में इसके प्रकोप के बाद से तेजी से फैलने वाले वायरस का मुकाबला करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक टीका बनाने की कोशिश की. तीन साल बाद, सामान्य स्थिति की भावना वापस आ गई है, लेकिन वैज्ञानिक अगले प्रकोप से सावधान हैं, खासकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख के हालिया बयान के बाद कि दुनिया को अगली महामारी के लिए तैयार हो जाना चाहिए, जो कोविड-19 से भी "अधिक घातक" (even deadlier" than Covid-19) हो सकती है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की नई रिपोर्ट से लोगों में डर बढ़ रहा है. ऑर्गेनाइजेशन आने वाले समय में इंसानों पर हमला कर सकने वाली बीमारियों की लिस्ट बना रहा है, जिसमें कई डिजीज X सबसे खतरनाक है.
छोटी लिस्ट में उन बीमारियों के नाम हैं जो अगली घातक महामारी का कारण बन सकती हैंं. जबकि अधिकांश बीमारियों के बारे में हम जानते हैं - इबोला, सार्स और जीका - 'डिजीज एक्स' (Disease X') नाम की अंतिम प्रविष्टि ने चिंता पैदा कर दी है.
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार, एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी एक रोगज़नक़ के कारण हो सकती है जो वर्तमान में मानव रोग का कारण नहीं है"
यह एक नया एजेंट हो सकता है - एक वायरस, एक जीवाणु या कवक - बिना किसी ज्ञात उपचार के.
WHO ने इस शब्द का इस्तेमाल 2018 में शुरू किया था और एक साल बाद, Covid-1 दुनिया भर में फैलने लगा.
बाल्टिमोर में जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल हेल्थ के शोधकर्ता प्रणब चटर्जी ने द नेशनल पोस्ट को बताया, "यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बीमारी एक्स ( Disease X) घटना होने की संभावना है."
उन्होंने कहा, "कंबोडिया में एच5एन1 बर्ड फ्लू के मामलों की हालिया बाढ़ सिर्फ एक मामला है."
इस टर्म ने दुनिया भर में विचार-विमर्श किया है, कई विशेषज्ञों ने दावा किया है कि अगला रोग एक्स इबोला और कोविड -19 की तरह जूनोटिक होगा.
दूसरों ने कहा कि रोगज़नक़ यानी पैथोगन (pathogen) मनुष्यों द्वारा भी बनाया जा सकता है.
इंफेक्शन कंट्रोल एंड हॉस्पिटल एपिडेमियोलॉजी जर्नल में 2021 के एक लेख के लेखकों ने कहा, "एक इंजीनियर महामारी रोगज़नक़ की संभावना को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है."
डब्ल्यूएचओ की लिस्ट में अन्य प्राथमिक बीमारियों में मारबर्ग वायरस (Marburg virus), क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार (Crimean-Congo hemorrhagic fever), लस्सा बुखार (Lassa fever), निपाह (Nipah) और हेनिपाविरल रोग, रिफ्ट वैली बुखार और मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम शामिल हैं.
अभी के लिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञ चाहते हैं कि निगरानी बढ़ाई जाए और काउंटर उपायों को विकसित करने के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जाए.