Oncologists Have Raised Concerns: कैंसर विशेषज्ञों ने हाल ही में पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की पत्नी के कैंसर से ठीक होने के दावों पर सवाल उठाए हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडिएशन ही कैंसर के इलाज का आधार है. इस बीमारी पर कोई और जादुई फार्मूला काम नहीं करता. बता दें कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि कैंसर से पीड़ित उनकी पत्नी बेहतर डाइट (Cancer Diat) लेकर इस घातक बीमारी से ठीक हो गई हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने खुलासा किया कि उनकी पत्नी के बचने की संभावना 5 प्रतिशत बताई गई थी. हालांकि, उन्होंने साधारण आहार और जीवनशैली के नियमों का पालन करके स्टेज 4 कैंसर पर काबू पा लिया. सिद्धू के वायरल वीडियो (Navjot Singh Sidhu) के बाद ऑन्कोलॉजिस्ट (Oncologists) ने दावा किया कि उन्होंने इस बीमारी के बारे में लोगों को गुमराह करके समाज को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जो भारत में हर साल 9 लाख से अधिक लोगों की जान लेती है.
डॉक्टरों ने कहा गुमराह न करें सिद्धू | Oncologists Have Raised Concerns Regarding Unproven Remedies
कैंसर विशेषज्ञों ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य सिद्धू पर सनसनी फैलाने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के चेयरमैन डॉ. हरित चतुर्वेदी ने बताया "कैंसर कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज किसी एक जादुई नुस्खे से किया सके. कैंसर का उपचार कैंसर के उपप्रकार, विशिष्ट जेनेटिक परिवर्तनों के आधार पर तय किया जाता है. कैंसर किस अंग में है, यह कितनी तेजी से फैल रहा है इस पर भी काफी हद तक निर्भर करता है.''
सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. प्रीतम कटारिया ने कहा, "कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडिएशन के जरिए होता है. यह इलाज की रीढ़ की हड्डी है. डाइट कंट्रोल के साथ प्राकृतिक तत्व इसके उपचार की जगह नहीं ले सकते."
लिंक्डइन पर पोस्ट किए गए एक ओपन लेटर में, दिल्ली के एम्स में डॉ. बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर ने पूर्व क्रिकेटर पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया.
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शंकर ने कहा, "जब भारत में कैंसर की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए आम जनता के बीच मिथक को दूर करने की बात आती है, तो आप जैसे सार्वजनिक व्यक्ति से बहुत उम्मीद की जाती है. सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, भारत में हर साल 9 लाख से अधिक लोग कैंसर से मर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि नीम और हल्दी के संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि वे कैंसर को ठीक कर सकते हैं.
शंकर ने कहा, "आम जनता आपकी सलाह को गंभीरता से अपनाने से ठीक होने के बेहतरीन अवसरों को खो सकती है."
सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मंदीप सिंह मल्होत्रा ने आईएएनएस को बताया, "केवल आहार के माध्यम से कैंसर को ठीक करने के दावों में वैज्ञानिक मान्यता का अभाव है. उपचार में एक तरह की डाइट को स्थान दिया जाना चाहिए मगर इस बीमारी के समाधान के रूप में नहीं.''
डॉक्टर चतुर्वेदी ने कहा, "हम लोगों से अपील करते हैं कि वे ऐसी कहानियों से गुमराह न हों जिनमें वैज्ञानिक और डेटा जांच का अभाव है. इस तरह के किस्से आम तौर पर किसी अच्छे उद्देश्य के लिए ईमानदारी से शेयर नहीं किए जाते हैं, बल्कि सनसनी पैदा करने के लिए बताए जाते हैं.
क्या कहा था नवजोत सिंह सिद्धू ने
असल में नवजोत सिंह सिद्धू ने जून में ट्वीट किया था कि कौर यमुनानगर के वरयाम सिंह अस्पताल में डॉ. रूपिंदर बत्रा (पूर्व टाटा मेमोरियल ऑन्कोलॉजिस्ट) की निगरानी में सफलतापूर्वक कीमोथेरेपी सेशन करवा रही हैं. पंजाब के अमृतसर में हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर के स्तन कैंसर के इलाज में डाइट का अहम रोल बताया. उन्होंने बताया था कि डेयरी उत्पाद और चीनी न खाकर, खाने में गैप देकर, हल्दी और नीम का सेवन करके उनकी पत्नी कैंसर से बाहर आ गई है.
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