Thyroid Imbalance Symptoms: हमारा शरीर मांसपेशी, हड्डी, धमनी, टिश्यू और ब्लड वेसल्स का एक जाल है, जिसमें हर अंग का काम करने का तरीका बहुत अलग है. ऐसे ही गले के पास एक तितली जैसी झिल्ली होती है, जो शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करती है. इस जरूरी अंग को थायराइड ग्रांथि कहते हैं, जो शरीर में जरूरी हार्मोन बनाने का काम करती है. थायराइड ग्रांथि थायरोक्सिन हार्मोन, ट्राईआयोडोथायरोनिन और कैल्सीटोनिन बनाती है. ये तीनों ही हार्मोन शरीर में कई चीजों को कंट्रोल करते हैं.
ये भी पढ़ें: दिन में एक बार दूध में तुलसी के बीज मिलाकर पीना वरदान से कम नहीं, फायदे जानकर रोज पीना शुरू कर देंगे
दिमाग की ग्रोथ में मदद करता है
थायरोक्सिन हार्मोन दिमाग की ग्रोथ में मदद करता है, दिल की धड़कन को कंट्रोल करता है और लिवर और किडनी को काम करने में मदद करता है, जबकि ट्राईआयोडोथायरोनिन शरीर के विकास में सहायक होता है, शरीर का तापमान सही बनाए रखता है, मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है और शरीर में सूजन बढ़ने से रोकता है. इन दोनों हार्मोन की कमी से हाइपोथायरायडिज्म होता है और इनके ज्यादा होने से हाइपरथायरायडिज्म नाम की बीमारी होती है.
प्रजनन क्षमता में कमी
थायराइड ग्रांथि से जुड़ी बीमारी होने पर महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी, वजन का तेजी से बढ़ना या घटना, पैरों और शरीर पर सूजन, बालों का झड़ना, चिड़चिड़ापन, हर वक्त थकान, दिल की धड़कन का असंतुलित होना, और आंखों से पानी आना जैसी दिक्कतें होती हैं. स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर गले में एक उभार भी आ जाता है, जिससे खाना खाने और सांस लेने में परेशानी होती है। ये कैंसर का रूप भी ले सकता है.
ये भी पढ़ें: इस पत्ते का पानी पीने से होगा दिमाग तेज और रात में आएगी गहरी नींद! बस जान लीजिए इस्तेमाल करने का तरीका
इस बीमारी को हल्के में न लें
थायराइड ग्रांथि से जुड़ी बीमारी को हल्के में न लें, लेकिन इसके उपचार के तरीके भी आसान हैं. थायराइड लाइफस्टाइल से जुड़ा एक रोग है, जिसे लाइफस्टाइल में बदलाव करके कंट्रोल में लाया जा सकता है. थायराइड में पैदल चलना बहुत उपयोगी माना गया है. अगर आप पैदल चलते हैं तो इस रोग को रिवर्स कर सकते हैं.
थायराइड को कैसे कंट्रोल करें?
आयोडीन से भरपूर चीजों का सेवन करना इसमें जरूरी होता है. ये रोग आयोडीन की कमी की वजह से ही होते हैं. आयोडीन सीफूड से ले सकते हैं और नमक भी आयोडीन वाला इस्तेमाल करें. अर्जुन की छाल भी थायराइड के रोग में अच्छी होती है. ये दिल के धड़कने की गति को कंट्रोल करती है और वजन को भी कंट्रोल करती है. इसे पाउडर या काढ़े के तौर पर ले सकते हैं.
हरी सब्जियां और हरे धनिए में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इस ग्रंथि को सही तरीके से हार्मोन बनाने में मदद करते हैं. धनिया को पानी में मिलाकर या इसकी चटनी बनाकर भी सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा, गिलोय, अश्वगंधा और इसके साथ योग भी इसे संतुलित करने में मदद करते हैं.
दिल की बीमारियां कैसे होंगी दूर, बता रहे जाने-माने पद्मभूषण डॉक्टर TS Kler
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)