Trikonasana ke fayde : आज के समय में सेहतमंद और अच्छे शरीर की चाह हर कोई रखता है, लेकिन व्यस्त दिनचर्या के चलते ऐसा होना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है. 'त्रिकोणासन' एक ऐसा योगासन है जिसे कम समय में किया जा सकता है और जिसको करने से कई सारे लाभ भी मिलते हैं. इस योगासन को नियमित करने से मांसपेशियां लचीली होती हैं और रक्त संचार बेहतर होता है. रोजाना अभ्यास करने से शरीर को दाएं और बाएं तरफ स्ट्रेच मिलता है, जिससे पीठ, हाथों और पैरों की मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ती है.
आयुष मंत्रालय के अनुसार, त्रिकोणासन एक ऐसा योगासन है जो शरीर को लचीला, संतुलित और शक्तिशाली बनाता है. साथ ही, यह पाचन को बेहतर बनाता है और कमर व जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है.
कैसे करें त्रिकोणासन
इसको करने के लिए योगा मैट पर दोनों पैरों को 3 से 4 फीट की दूरी पर फैलाएं. दाएं पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर घुमाएं और बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें. अब दोनों हाथों के कंधों को सीधे फैलाएं और अपनी हथेलियों को नीचे की ओर रखें. धीरे-धीरे दाईं ओर झुकें और दाहिने हाथ से दाएं पैर या टखने को छूने का प्रयास करें. बायां हाथ सीधा ऊपर की ओर रखें. इस स्थिति में 20 से 30 सेकंड तक रहें. सांस सामान्य रखें. फिर धीरे से ताड़ासन में वापस आएं. इसी प्रक्रिया को बाईं ओर दोहराएं.
इसे करते समय हाथ, पैर और रीढ़ एक त्रिकोण बनाते हैं, और यह तनाव कम करने में भी मददगार है, लेकिन स्लिप डिस्क या साइटिका जैसी स्थितियों में सावधानी बरतनी चाहिए. त्रिकोणासन एक ऐसी अभ्यास क्रिया है जिसके नियमित अभ्यास से वजन नियंत्रित होता है. साथ ही, तनाव और चिंता भी कम होती है, यह साथ ही संतुलन और एकाग्रता में भी वृद्धि करता है.
त्रिकोणासन के नियमित अभ्यास से शरीर की एनर्जी बढ़ती है. हालांकि, इसके अभ्यास में कई सावधानी भी बरतने की सलाह दी जाती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














