दिल की बीमारी का सच बताएंगे ये तीन टेस्ट, डॉक्टर ने बताया किन लोगों को करना चाहिए

Heart Health: हार्ट अटैक के मामलों में अक्सर यह देखा गया है कि पीड़ितों को पहले से कोई खास लक्षण महसूस नहीं होते. उनकी सामान्य सेहत रिपोर्ट भी ठीक आती है. ऐसे में दिल की बीमारी की असल वजहों को पहचानना और समय रहते इलाज कराना मुश्किल हो जाता है.

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Heart Health: दिल की सेहत जानने के लिए जरूरी हैं ये तीन ब्लड टेस्ट.

Rise in Heart Attack Cases: हार्ट अटैक (Heart Attack) के कारण अचानक हुई मौत के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. आए दिन ऐसी घटनाएं सुनने को मिल रही हैं, जिसमें अच्छे-खासे तंदुरुस्त दिखने वाले युवा भी हार्ट अटैक के कारण अपनी जान गंवा रहे है. यहां तक कि कुछ लोगों की मृत्यु तो खेल के मैदान और डांस फ्लोर पर भी हुई है. आखिर क्या वजह है इसकी और कैसे इस स्थिति से बचा जा सकता है? सोशल मीडिया पर भी इस बात की चर्चा जोरों पर है. इसी बीच drjeremylondon नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक डॉक्टर की सलाह काफी वायरल हो रही है. इस पोस्ट में डॉक्टर तीन ऐसे ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दे रहे हैं, जो दिल की सेहत का सही हाल बताने में काफी मदद कर सकते हैं.

दरअसल, हार्ट अटैक के मामलों में अक्सर यह देखा गया है कि पीड़ितों को पहले से कोई खास लक्षण महसूस नहीं होते. उनकी सामान्य सेहत रिपोर्ट भी ठीक आती है. ऐसे में दिल की बीमारी की असल वजहों को पहचानना और समय रहते इलाज कराना मुश्किल हो जाता है. इसीलिए एक्सपर्ट्स अब उन टेस्ट्स पर जोर दे रहे हैं, जो हार्ट डिजीज का रिस्क जल्दी पकड़ सकते हैं.

ये तीन टेस्ट बताएंगे दिल का हाल-

drjeremylondon के मुताबिक सबसे पहले करवाना चाहिए एलडीएल-सी टेस्ट, जिससे शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल यानी लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन का लेवल पता चलता है. यही वो कोलेस्ट्रॉल है, जो धीरे-धीरे धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज बनाता है और हार्ट अटैक का खतरा पैदा करता है.

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दूसरा जरूरी टेस्ट एपोलाइपोप्रोटीन बी है. इस टेस्ट से यह पता चलता है कि खून में उन पार्टिकल्स की संख्या कितनी है, जो प्लाक बना सकते हैं और दिल की नलियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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तीसरा और बेहद अहम टेस्ट है एलपी(ए), जिसे लाइपोप्रोटीन ए भी कहा जाता है. यह एक जेनेटिक फैक्टर से जुड़ा टेस्ट है. कई बार लोगों की नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट आने के बाद भी एलपी(ए) का स्तर बढ़ा होता है और दिल की बीमारी का रिस्क छुपा रहता है. इस टेस्ट से उस छुपे हुए रिस्क का पता चल सकता है.

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फिलहाल भारत में ये तीनों टेस्ट हर जगह आमतौर पर नहीं कराए जाते. ज्यादातर हेल्थ चेकअप पैकेज में भी ये शामिल नहीं होते. लेकिन बड़े शहरों में कुछ प्राइवेट लैब्स और अस्पताल अब इन्हें ऑफर कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री रही हो, हाई बीपी या शुगर की शिकायत हो या लाइफस्टाइल अनहेल्दी हो, तो डॉक्टर की सलाह से ये टेस्ट जरूर करवा लेने चाहिए.

सोशल मीडिया पर इस सलाह को लेकर चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि लोग अब समझ रहे हैं कि सिर्फ दिखने में फिट रहना ही काफी नहीं है. अंदर से दिल की सेहत कैसी है, इसका पता लगाना और सही वक्त पर कदम उठाना भी उतना ही जरूरी है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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