Dengue: डेंगू एक खतरनाक वायरल बीमारी है, डेंगू के मच्छर अत्यधिक गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकते हैं और यह सर्दियों के शुरुआत में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ाते है. डेंगू "ब्रेकबोन फीवर" के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि डेंगू से संक्रमित होने के बाद सबसे पहले हड्डी तोड़ बुखार आता है. हालांकि इसके काटने के तुरंत बाद डेंगू के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लगभग चार से चौदह दिन इसके लक्षण पूरी तरह से दिखने में लग सकते हैं, जिसकी वजह से आप बचाव करने में असमर्थ हो सकते हैं.
आमतौर पर डेंगू के मच्छर 24 डिग्री सेल्सियस के नीचे तापमान होने पर सर्वाइव नहीं कर पाते, फिर भी सर्दियों में इनका संक्रमण तेजी से फैल रहा है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि डेंगू के मच्छरों में ठंड सहने की क्षमता बढ़ गई है, इसी के कारण रोगीयों की संख्या बढ़ती जा रही है.
डेंगू होने का कारण, लक्षण और उपचार ( Dengue Cause, Symptoms and Cure)
कारण
एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस नामक मच्छरों के काटने से ही डेंगू फैलता है, यह दिखने में छोटे काले व सफेद धारियों वाले होते है, जिन्हे एशियाई टाइगर मच्छर भी कहा जाता है. यह मच्छर कूडे़, कचरे, गंदी नालियों व रुके हुए पानी में पनपते हैं और अपनी जनसंख्या बढ़ाकर संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं. आस पास साफ सफाई ना होने के कारण डेंगू हो सकता है, क्योंकि डेंगू के मच्छर गंदगी में ही पनपते हैं. डेंगू की बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे संपर्क से नहीं फैलता, इसका वायरस सिर्फ डेंगू मच्छर के काटने से या संक्रमित व्यक्ति के खून का दान करने से फैल सकता है.
लक्षण
ज्यादातर डेंगू मच्छर के काटने के बाद लक्षण नहीं दिखते है, लगभग चार से चौदह दिन बाद दिखाई देते हैं और चार से सात दिन तक रहता है, जिसमे 104°F तक का तेज बुखार आम बात होती है और साथ ही उल्टी, दस्त, सिर दर्द, आँखों में दर्द, थकान व शरीर में तेज दर्द होता है, जिसको सहन करना आसान नहीं होता है.
बुखार होने के चार पांच दिन बाद स्किन पर चकत्ते दिखाई देने लग सकेते हैं और नाक व मसूड़ों से खून आ सकता है.
मौसम बदलते समय अगर हल्का बुखार भी आता है तो तुरंत ड़ॉक्टर के पास जाकर चेकअप करा लेना चाहिए, जिससे आप आने वाले खतरे को टाल सकते हैं.
सोर्स क्लीवलैंड क्लिनिक के द्वारा यह पता चलाता है कि हर साल लगभग 400 मिलियन लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं, जिसमे ज्यादातर (लगभग 80%) लोगों को लक्षण दिखाई नहीं देता है, जिसकी वजह से लोग चेकअप न करवाके लापरवाही कर बैठते हैं और डेंगू से संक्रमित हो जाते हैं.
उपचार
डेंगू मच्छरों के काटने से बचना बहुत जरूरी है क्योंकि यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है. डेंगू के काटने से बचने के लिए बांहों और पैरो को पूरी तरह से ढ़कने वाले कपड़ो को पहनना चाहिए स्किन पर कीट विकर्षक क्रिम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
डेंगू मच्छरों के संक्रमण से बचने के लिए अपने आस पास साफ सफाई रखना बहुत जरूरी होता है, जैसे अपने घर के अगल-बगल में रुके हुए पानी व नालियों को साफ करके कीट नाशक दवाईयां छिड़क सकते है. आस पास के कूड़े, कचरों को हटाकर दूर कर देना चाहिए, शाम होने से पहले ही अपने घर के दरवाजे व खिडकीयां बंद करके रहना चाहिए और बचने के लिए काला हीट व ऑल-आउट जैसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते है, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करने से आप मच्छरों के काटने से बच सकते हैं.
निष्कर्ष
ठंड बढ़ने से पहले जब बारिश होती है, तब गर्मी और नमी बढ़ने के साथ डेंगू के मच्छर भी पनपने लगते हैं और लोगों की लापरवाही के कारण संक्रमण का खतरा तेजी से फैलता हैं, ऐसे में सतर्कता ही आपका जीवन बचा सकती है, इसलिए समय-समय पर चेकअप कराते रहना चाहिए और अपने खान-पीन पर पूरा ध्यान देना चाहिए जिससे शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होने में मदद मिले और संक्रमण से बच सकें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)